श्री मद्भागवत कथा में “राजा परीक्षित श्राप” कथा का वर्णन किया आचार्य देवेंद्र ने
डुमरियागंज क्षेत्र के कैथवलिया गांव में चल रहा सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा
अजीत सिंह
सिद्वार्थनगर। जिले के डुमरियागंज क्षेत्र के कैथवलिया गांव में चल रहे श्रीमद् भागवत कथा में कथा वाचक देवेंद्र महाराज ने श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि राजा परीक्षित अभिमन्यु के पुत्र थे। संसार सागर से पार करने वाली नौका स्वरूप श्री मदभागवत का प्रचार इन्हीं के द्वारा हुआ। पांडवों ने संसार त्याग करते समय इनका राज्याभिषेक किया था। इन्होंने नीति के अनुसार पुत्र के समान प्रजा का पालन किया।
एक बार राजा परीक्षित ने देखा कि एक आदमी बैल को मार रहा है। इन्होंने उस व्यक्ति से पूछा तो पता चला कि वह कलयुग है। उन्होंने उसे आज्ञा दी कि तुम मेरे राज्य से बाहर चले जाओ। कलयुग ने हाथ जोड़कर कहा महाराज समस्त संसार में आप का ही राज्य है फिर मैं कहां जाकर रहूं। राजा परीक्षित ने पांच स्थान बताते हुए कहा जहां मदिरा, जुआ, जीव, हिंसा, वैश्या हो वहां जाकर रहो।
उन्होंने कहा कि एक बार राजा सोने का मुकुट पहन कर आखेट करने निकले। वहां प्यास लगने पर घूमते हुए शमीक ऋषि के आश्रम पर पहुंचे और जल मांगा। उस समय ऋषि समाधि लगाए हुए थे, इस कारण उन्होंने कुछ भी उत्तर नहीं दिया। राजा के स्वर्ण मुकुट में कलयुग का वास था। इससे उनको गुस्सा आ गया और ऋषि के गले में इन्होंने एक मरा हुआ सर्प डाल दिया। घर आकर जब उन्होंने मुकुट सिर से उतारा तो इनको ज्ञान पैदा हुआ। इधर ऋषि के पुत्र श्रृंगी ने जब यह समाचार सुना तो अत्यंत क्रोधित हुआ और उसने तुरंत शाप दे दिया कि आज के सातवें दिन तक्षक नाग राजा को डसेगा जिससे उसकी मृत्यु हो जाएगी।
राजा ने जब यह सुना तो संसार से विरक्त होकर अपने बड़े पुत्र जन्मेजय को राजगद्दी सौंप दी और गंगा के किनारे आकर के ऋषियों के शरणागत हो गए। संयोग से सुखदेव जी महाराज भी वहां आए और उन्होंने राजा के विनय पर उन्हें श्रीमद् भागवत की कथा सुनाई। राजा 7 दिन तक बराबर कथा सुनते रहे और भगवान में ऐसा मन लगाया कि किसी बात की सुधि न रही सातवें दिन तक्षक ने आकर राजा को डस लिया तथा राजा परमधाम को प्राप्त हुए।
अंत में देवेंद्र जी महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि सत्य और श्रद्धा से भगवान का चरित्र और कथा सुनने से धर्म अर्थ काम मोक्ष सभी पदार्थ स्वतः प्राप्त हो जाते हैं। इस अवसर पर क्षेत्रीय सांसद जगदंबिका पाल, ग्राम प्रधान दिनेंद्र दत्त उर्फ छोटे यादव, आलोक श्रीवास्तव, विशाल श्रीवास्तव, शिवम श्रीवास्तव, रश्मि श्रीवास्तव, गुड़िया श्रीवास्तव, साधना श्रीवास्तव, छोटे श्रीवास्तव, राकेश, लालू, भुलेश्वर यादव, जग लाल यादव, भूपेंद्र त्रिपाठी, सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।