सिद्धार्थनगरः नगर निकाय चुनाव की तैयरियां पूरी, कमर कसने लगे चुनावी लड़ाके
भारतीय जनता पार्टी से हैं टिकट के सर्वाधिक दावेदार, वार्डों के प्रमुख नागरिकों से मेल मिलाप व चाय पान का दौर-दौरा शुरू
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले में नगर निकायों की चुनावी तैयारी अपने अंत की तरफ बढ़ रही है। प्रशासनिक स्तर पर निकायों और उनके वार्डों के परिसीमन का काम पूरा हो चुका है। अब केवल वार्डों के आरक्षण प्रक्रिया पूरी होना बाकी है। प्रशासन की यह सक्रियता देखते हुए स्थानीय निकाय के चुनाव लड़ने के इच्छुक राजनीतिक व समाज सेवी भी सक्रिय होने लगे हैं। सिद्धार्थनगर नगर पालिका के चुनाव में फिलहाल आधा दर्जन चेहरे बेहद सक्रिय हैं। वह विभिन्न वार्डो में घूम घूम कर खास और प्रभावशाली लोंगों को अपने पक्ष में करने की कोशिशों में लग गये हैं। निकाय चुनाव की आहट के बाद जिला मुख्यालय की नगर पालिका से चुनाव लड़ने वाले अब सक्रिय होने लगे हैं। नगर पालिका क्षेत्र और वार्डों के परिसीमन के बाद वे जातीय समीकरण को भांप चुनाव की तैयारी करने लगे हैं।
इस बार के चुनाव में सबसे अधिक संभावित प्रत्याशी भाजपा के देखे जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी से वर्तमान में भाजपा के जिला मंत्री फतेबहादुर सिंह के अलावा सांसद प्रतिनिधि व पूर्व अध्यक्ष एसपी अग्रवाल, युवा नेता राजू सिंह, बबलू श्रीवास्तव आदि नगर क्षेत्र में सक्रिय हो गये हैं। इसके अलावा नगर पालिका के वर्तमान अध्यक्ष् श्याममबिहारी जायसवाल भी सक्रिय हैं। हालांकि पिछला चुनाव उन्होंने भाजपा से जीता था, मगर अब भाजपा से बाहर हैं। लेकिन वे भाजापा नेताओं के सम्पर्क में बने हुए हैं। पार्टी में न रह जाने के बावजूद एक विधायक उनके पक्ष में खुल्लम खुल्ला दिखाई पड़ रहे हैं।
टिकट के एक दावेदार व पूर्व अध्यक्ष रहे एसपी अग्रवाल कहते हैं कि वह दो बार पालिका अध्यक्ष रहे। इस बार भी टिकट के दावेदार हैं। वे जनता के बीच जा रहे हैं। अब फैसला पार्टी को करना है। इसके अलावा राजू सिंह भी जनता के बीच काफी सक्रिय है। बताया जाता है कि टिकट न मिलने पर भी वह मैदान में उतर सकते हैं। जबकि फतेबहादुर सिंह भी वर्तमान चैयरमैन के प्रति बेहद आक्रामक है और वे चुनाव लड़कर उन्हें पटखनी देने के प्रयास में हैं। परन्तु उनका यह भी कहना वह वे पार्टी के प्रति प्रतिबद्ध है। पार्टी उन्हें टिकट देगी तभी वे लड़ेंगे।
दूसरी तरफ गत चुनाव में दूसरे नम्बर पर रही महिला नेता फौजिया आजाद भी तैयारी में लगी हैं। उनका लोगों दस जन संपर्क भी शुरू हो गया है। गत चुनाव में वह तकनीकी कारणों से निर्दल चुनाव मैदान में थीं और नाम मात्र वोटों से हारी थी। लेकिन इस बार उनके कांग्रेस से लड़ने की पूरी संभावना है। उनका परिवार कांग्रेसी पृष्ठिभूमि का है, इसलिए इसकी उम्मीद ज्यादा है कि वह कांग्रेस से लड़ेंगी। वैसे बसपा का खेमा भी उन्हें चुनाव लड़ा सकता है। उनके पति फिलहाल दोनों दलों के सम्पर्क में हैं। पिछले दो चुनावों में वह दूसरे नम्बर पर रहीं। इसलिए वह जीत के लिए गंभीर हैं और इस बार ठोंक बजा कर ही पार्टी चयन करना चाहती हैं।
बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व विश्व हिंदू महासंघ के जिलाध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह एडोकट भी नपा अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं। इसके लिए वह अपने शुभचिंतकों से लगातार मिल रहे है। उनका कहना है कि अभी तक जितने चेयरमैन हुए वह सिर्फ और सिर्फ अपना और अपने रिस्तेदारों का ही विकास करने में लगे रहे। सभी ने नगर क्षेत्र को एक नजर से कभी नहीं देखा। सभी ने वार्डवार भेद भाव से कार्य कराया। मगर उनके अध्यक्ष बनाने पर ऐसा नहीं होगा। नगर क्षेत्र के चारो तरफ गुणवत्तापूर्ण विकास कार्य कराये जाएंगे।
इसके अलावा सपा से पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष जमील सिदृदीकी, सपा नेता विजय चौधरी व पूर्व विधायक विजय पासवान की पत्नी, पूर्व छात्र संघ महामंत्री व पकड़ी के पूर्व बीडीसी राकेश दत्त त्रिपाठी उर्फ़ रिंकू भी चुनावी तैयारी कर रहे है और विभिन्न वार्डों में आना जाना भी शुरू कर चुके हैं। इस प्रकार स्थानीय नगर पालिका में वक्त से पहले ही राजनीतिक परिदृश्य पर चुनावी माहौल का असर दिखना शुरू हो गया है।