जिले पर सैलाब का खतरा मंडराया, दर्जन भर गांव पानी से घिरे, कई तटबंधों पर निगरानी बढ़ी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। जिले में राप्ती, बूढ़ी राप्ती, कूड़ा, घोघी व बानगंगा नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। राप्ती नदी की बाढ़ से तान गांव मैरूंड तथा दर्जर्नो गांव पानी से प्रभावित हो गये हैं। कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त बांधों के टूटने की आशंका से नदी एवं बांध किनारे बसे गांव के लोगों को सैलाब का डर सताने लगा है। प्रशासन एवं सिंचाई विभाग ने बांधों पर निगरानी बढ़ा दी है।
बाढ़ से दर्जन भर गांव बने टापू
खबर है कि बूढ़ी राप्ती नदी के उफान से तीन गांव मैरुंड हैं तथा एक दर्जन से अधिक गांवों की फसल बर्बाद हो गई है। बूढ़ी राप्ती नदी के तट पर बसे भगौतापुर के दोनों डीह व व छटकी डढ़ीया टापू में तब्दील हो चुके हैं। ये गांव पानी से घिर गए हैं। रास्ते पर भी पानी बह रहा है। भगौतापुर के पश्चिमी डीह व डढ़ीया में नाव की व्यवस्था है, लेकिन भगौतापुर के पूर्वी डीह में अब तक कोई व्यवस्था नहीं होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। गांव के सुभाष व जितेंद्र यादव का कहना है कि गांव पानी से घिर जाने तथा सड़क पर पानी आ जाने से महिलाओं व बच्चों को काफी दिक्कत हो रही है।
कूड़ा-घोंघी दोआब क्षेत्र के कई गांव मैरुंड
कूड़ा घोंघी नदी के बीच ग्राम सभा परसौना और बड़हरा सहित दर्जनों गांव पुरी तरह मैरुंड हो गया है। इन गाँवो के टोले भी भयंकर बाढ़ से घिर चुके हैं। आने जाने के सभी रास्ते बंद हैं। ग्राम परसौना के प्रधान सुनील यादव व बड़हरा के प्रधान हजारी गुप्ता, और पूर्व प्रधान लल्लन खान, ग्रामीण आलोक पांडे, रियासत खान, सुशील सिंह सोनू, पियूष सिंह, कुक्कू सिंह, संजीत सिंह आदि ने जिला प्रशाशन से बाढ़ राहत समग्री और नांव की मांग की है।
लगातार पांच दिन से हो रही बारिश से हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। जिले की नदियां उफान पर हैं। बूढ़ी राप्ती और घोघी नदियां तीन दिन से खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बांसी प्रतिनिधि के अनुसार, बूढ़ी राप्ती नदी के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचने व असोगवा-नगवा बांध में स्थित बड़ी संख्या में छेद व गड्ढों से नदी के तट पर बसे लोग भयभीत हैं। बूढ़ी राप्ती नदी के दक्षिणी छोर पर स्थित असोगवा-नगवा बांध पर सतवाढी गांव के आसपास बड़े-बड़े कई छेद हैं।