होली हादसाः तीन युवकों की लाशें मिलते मचा कोहराम, दहाड़ें मार कर चीख उठीं महिलाएं
सांत्वना देने पहुंचे सांसद जगम्बिका पाल, जो भी सुना भाग उठा उनके घरों की ओर, पिता ने कहा
कि मेरा बेटा तो गया, भविष्य में किसी का बेटा न जाए, इसकी व्यवस्था करे प्रशासन
नजीर मलिक
होली में रंग खेलने के बाद शोहरतगढ़ में बानगंगा नदी में नही रहे तीन युवकों के शव गुरुवार को ल गये। तीनों युवकों के शव बरामदगी की सूचना जैसे ही मिली, जिला मुख्यालय क्षेत्र में हाहाकार मच गया। तीनों ही परिवारों की महिलाओं के रुदन से वातावरण में हर तरफ बझिलता छा गई। सारे नाते रिश्तेदार और सुभेच्छु उन परिवारों के घर की तरफ दौड़ पड़े।
बानगांगा नदी में डूब गये निवासी अजीत सिंह (22) पुत्र अरुण सिंह, विक्की सिंह (20) पुत्र राधेश्याम सिंह और मुख्यालय निवासी उज्जवल त्रिपाठी (19) पुत्र देवेश मणि त्रिपाठी की तलाश में गोता खोर हाली के दिन दोपहर से ही लग गये थे। मगर उस दिन आधी रात तक उनका पता न चल सका था। उसके बाद गरुवार को एसडीआरएफ टीम भी उनकी तलाश में जुटी। अपरान्ह लगभग चार बजे सर्व प्रथम अजीत सिंह की लाश मिली। उसके पश्चात ६ बजे शाम तक विक्की सिंह व उज्जवल तिवारी की लाश भी गोताखेर टीम ने बरामद कर ली। उसके बाद तीनों लाशों का पंचनामा बना कर पोस्टमार्टम केलिए भेज दिया गया। इस खबर के बाद तीनों परिवारों में हाहाकार मच गया। शुकवार सुबह पीएम के बाद तीनों की लाशें घर पहुंवी तो एक बारफिर महौल चीत्कारों से गूंज उठा और घर की महिलाएं दहाड़ें मरने लगीं।
बताते चलें कि जिला मुख्यालय के निकट के चिल्हिय थानान्तर्गत ग्राम बड़गो गांव निवासी अजीत सिंह (22) पुत्र अरुण सिंह, विक्की सिंह (20) पुत्र राधेश्याम सिंह औरजिला मुख्यालय के भीमापार वार्उ निवासी उज्जवल त्रिपाठी (19) पुत्र देवेश मणि त्रिपाठी, बुधवार को होली खेलने के बाद घर से निकले थे। बताया जा रहा है कि तीनों नहाने के लिए शोहरतगढ़ थाना क्षेत्र में बानगंगा नदी में चले गए। वहां छह युवक और थे। तीनों मृतक सम्भ्रांत परिवारों के थे और समाज के प्रभावशाली वर्ग से आते थे। वे तीनों होली के दिन रंग खेलने के उपरांत बानगंबा नदी में नंहाते समय डूब गये थे।
गत होनी में भी गई थ्री चाार की जान
बता दें कि गत वर्ष भी होली के पर्व के बाद नदी में स्नान करते वक्त डूबने की तीन अलग अलग घटनाओं में चार लोगों की डूबने से मौत हो गया थी। इस हादसे में दो सगी बहनों की भी मौत हो गई थी। लकिन आमतोर पर हर साल होली पर ऐसी घटनाएंहोने के बाद भी स्थानीय प्रशासन ऐसे स्थानों कह सुरक्षा परकोई ध्यान नहीं देता है। इस बारे में स्थानीय कांग्रेस नेता देवेन्द्र कुमार बताते हैं कि प्रशासन को ऐसे अवसरों पर जनता को जागरूक करने कि मुहिम चलानी होगी। जबकि उज्जवल मणि त्रिपाठी के पिता और समाजिक कार्यकर्ता देवा मणि कहते हैं कि उनका बेटो तो गया,मगर भविष्य में समाज का कोई अन्य बेटा इस हादसे का शिकार न हो, प्रशासन को इसका उपाय करना चाहिए।