डुमरियागंजः  मधुसूदन अग्रहरि की फेसबुक पोस्ट के निहितार्थॽ क्या भाजपा छोड़ कर चुनाव लड़ेंगे?

April 20, 2023 2:13 PM0 commentsViews: 1044
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नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर। नगर पंचायत डुमरियागंज से भारतीय जनता पार्टी के टिकट में चल रही जबरदस्त टक्कर ने पार्टी कार्यकर्ताओं की सांसे रोक दी है। पार्टी के टिकट के एक तगड़े दावेदार मधुसूदन अग्रहिर की एक फेसबुक पोस्ट ने वहां एक नई बहस को जन्म दे दिया है। लोगबाग इस पोस्ट के राजनतिक निहितार्थ तलाशने में जुट गये हैं।

यहां सोशल मीडिया पर पर मधुसूदन अग्रहिर के अकाउंट से डाली गई एक पोस्ट पर बड़े दार्शनिक अंदाज मेंलिखा गया है कि, ‘लक्ष्य एक होता है और रास्ते अनेक, इसलिए अगर कभी  रास्ता बंद हो जाये तो रास्ता बदलें, लक्ष्य नहीं।‘ अगहरि ने यह स्लोगनकिस संदर्भ मेंलिखा है यह तो स्पष्ट नहीं किया है लेकिन अध्यक्ष पद के लिए उनकी तगड़ी दावेदारी होने के कारण लोग इसका राजनीतिक अर्थ निकालने में जुटे हैं। बता दें कि मधुसूदन अग्रहरि पिछले दिनों तक डुमरियागंज नगर पंचायत से भाजपा टिकट से सबसे सशक्त और सर्वमान्य दावेदार थे। उनके मुकाबले अन्य दावेदारों को लोग केवल औपचाकिता ही मान रहे थे।  लेकिन राजनीति में कब किसका समय करवट ले ले कोई नहीं जानता है।

बताया जा रहा है कि जिन मधुसूदन अग्रहरि का टिकट पक्का माना जा रहा था,  उन्हें अपने ही पार्टी के एक अन्य नेता श्याम सुंदर अग्रहरि से कड़ी टक्कर मिल रही है। श्यामसुंदर गत चुनाव में एक हिंदूवादी संगठन के झंडे तले लड़े थे और उन्हें बराबर की टक्कर दी थी। मगर हार के बाद भाजपा में उनकी पूरी तरह उपेक्षा की जा रही थी। मगर बाद में समीकरण कुछ ऐसे बने कि उन्हें पार्टी के एक बड़े नेता का सहारा मिल गया और वह टिकट की लड़ाई में आ गये। जानकार बताते हैं कि मधुसूदन अग्रहरि व श्यामसुदर दोनों को ही अलग अलग नेताओं का समर्थन है और नेताओं के इस जंग में मधुसूदन को अपना टिकट न मिलने की आशंका हो गई है।

जानकार अनुमान लगा रहे हैं कि टिकट न मिलने की दशा में भी वे किसी दूसरे दल से चुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में रास्ता बंद होने पर रास्ता बदल कर लक्ष्य हासिल करने की बात लिखी है। तो क्या मधुसूदन अग्रहरि का टिकट कटने की आशंका है?  क्या वह लक्ष्य (अध्यक्ष पद) के लिए रास्ता बदल कर दूसरे दल के रास्ते अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहेंगे?  इस बारे में मधुसूदन अग्रहरि से बात करने की कोशिश की गई तो बात न हो सकी। श्याम सुंदर अग्रहरि से भी बात नहीं हो सकी उनका मोबाइल फोन नहीं उठा।फिलहाल कयासबाजियों को दौर जारी है।

 

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