छंट रहा चुनावी धुंधलका, डुमरियागंज में त्रिकोणीय व भारतभारी में सीघे संघर्ष के आसार
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। नगर पंचायत डुमरियागंज और उससे सटी नगर पंचायत भारतभारी में चुनावी हलचल अपने चरम पर पहुंच चुकी है। यहां एक एक मतों के लिए प्रत्याशी पूरे क्षेत्र को मथ डालने पर लगे हुए हैं। दोनों नगर पंचायतों का चुनावी परिदृश्य कुछ कुछ साफ होने लगा है। डुमरियागंज में जहां अभी त्रिकोण लडाई का अनुमान है वहीं भारतभारी में आमने सामने का मुकाबला होने की संभावना बन रही है।
नगर पंचाायत डुमरियागंज में जंग त्रिकोण
नगर पंचायत डुमरियागंज का चुनाव बहुत रोचक दौर से गुजर रहा है। हां बसपा प्रत्याशी शाजिया अतीक के पति अतीकुर्ररहमान अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ दिन रात नगर के विभिन्न वाडों के चक्कर काट रहे हैं तो भाजपा उम्मीदार बीना देवी के पति मधुसूदन अग्रहरि भी उन्हें कड़ा मुकाबला दे रहे हैं। भाजापा के बागी उम्मीदवार श्यामसुदर अग्रहरि अपनी माता सुशीला देवी केलिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं तो कांग्रेस के अशोक गुप्ता अपनी पत्नी मीना देवी के लिए जनसम्पर्क में लगे हुए हैं। अशो व श्यामसुंदर ने गत चुनावों में भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी, जिसके कारण बसपा को यहां जीती थी।
गत चुनाव में बसपा के टिकट पर जीते जफर अहमद इस बार दल बदल कर सपा में हैं। महिला सीट होने के कारण वह अपनी अनुजबहू कहकशां परवीन को चुनाव लड़ा रहे हैं। मगर इस चुनाव में अभी उनकी पोजिशन कमजोर आंकी जा रही है। इसका कारण पांच साल तक उनका जनता से कटे रहना बताया जाता है।फिलहाल वह लड़ाई में बने रहने की पूरी कोशिश में लगे हैं।
चुनावी परिदृश्य कुछ साफ होने लगा है। बसपा जहां सपा खेमे में स्लिम मतों को जाने से रोक रही है वहीं भापा भी अपने मतों की विभाजन रोकने के प्रयास में है। सपा ने अगर बसपा के सधर्मी उम्मीदवार को बराबर की टक्कर दी तथा भाजपा मेंविभाजन पूर्ववत रहा तो तो लड़ाई बहुकोणीय हो सकती है। वरना अंत में चुनावी मुकाबला बसपा भाजपा व बागी भाजपा के बीच त्रिकोणीय संघर्ष में बदल सकता है।
भारत भारी में सीधे संघर्ष के आसार
नगर पंचायत भारत भारी में संघर्ष बहुत रोचक दौर में है। कहने को यहां अनेक उम्मीदवार है बसपा के अजीजुल्लह उर्फ डब्ल्यू भाजपा के चन्द्र प्रकाश वर्मा के बीच कांटे की टक्कर चल रही है। अजीजुल्लह के प्रति मुस्लिम और दलित वोटरों में काफी जोश दिख रहा है। अन्य वर्गो में उन्हें अपनी छवि के आधार पर वोटमिलने की संभावना है। जहां तक सपा का सवाल है, यहां सपा में प्रत्याशी को लेकर शुरू में उहापोह था। उसके दो प्रत्याशी बिजय अग्रहिर और तव्वाब शेख स्वय को सपा का अधिकृत उम्मीदवार बता कर वोट मांग रहे थे। परन्तु सपा ने दो दिन पूर्व विज्ञाप्ति जारी कर बताया कि विजय अग्रहरि उसके उम्मीदवार है। मगर अब नुकसान इतना हो चुका हैकि उसकी भरपाई संभव नहीं है। उधर तव्वाब के सपा प्रत्या होने की जानकारी सार्वजनिक होते ही क्षेत्र के मुस्लिम मतदाता बसपा के पक्ष में लामबंद हो रहे हैं। इसके बरअक्स भाजपा में जबरदस्त भितरघात चल रहा है।टिकट वितरण को लेकर भी भाजपा प्रत्याशी से लोग असंतुष्ट हैं। जिससे वह कमजोर दिखती है। कुल मिला कर यहां लड़ाई त्रिकोण होते हुए अंत में भाजपा बसपा के सीधे संघर्ष की ओर बढ़ती दिख रही है।