17 साल नौकरी से गायब कर्मी की पेंशन व वेतन के 40 लाख वसूलने की साजिश? विभाग खामोश
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। कृषि विभाग में एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। यहां बिना सूचना दिए एक कर्मचारी लापता हो गया था। बिना नौकरी किए ही उसने 17 वर्ष काट लिए। अब सेवा के अंतिम दौर में अधिकारियों की मिलीभगत से नौकरी शुरू की और 11 माह का वेतन लेकर सेवानिवृत्त भी हो गया। कर्मचारी को अब पेंशन और पूर्व के बकाया वेतन के भुगतान की तैयारी चल रही है। इस मामले की शिकायत एक भाकियू नेता ने सीएम, कृषि मंत्री और मंडलीय अधिकारी को पत्र भेजकर की है। नेता का कहना है कि विभागीय जिम्मेदार इसमें बड़ी गड़बड़ी करने वाले हैं। ऐसे में जांच कर कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करेंगे।
आरोप के मुताबिक इकबाल अहमद कृषि विभाग में तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में तैनात था। तैनाती के बाद वर्ष 2005 में वह अचानक बिना किसी सूचना के लापता हो गया।इसके 13 वर्ष बाद यकायक 4 अप्रैल 2022 को हाजिर हो कर अधिकारियों से संपर्क साधा और नौकरी पुनः ज्वाइन कर लिया। इस दरम्यान वह कहां था, क्यों नहीं आ रहा था? ये सब बिना जांच किए ही कर्मचारी का वेतन भुगतान भी शुरू हो गया। अप्रैल 2022 से फरवरी 2023 माह तक उसने विभाग में सेवा दी और 11 माह का वेतन लेकर सेवानिवृत्त हो गया। जब पेंशन और पूर्व के बकाए वेतन के लिए फाइल दौड़नी शुरू हुई तो विभागीय कर्मचारी भी हैरत में पड़े कि आखिरी यह शख्स है कौन? क्योंकि किसी ने 17 साल के भीतर तैनात होने अथवा यहां से स्थानांतरित किसी कर्मचारी ने उसे अब तक देखा ही नहीं है।
किसान नेता ने खोला घोटाला
सूत्रों के अनुसार बड़ी धनराशि के लिए विभागीय अधिकारी पेंशन और पूर्व का वेतन भुगतान करने का रास्ता निकाल रहे हैं। इस मामले की भाकियू नेता इंद्रजीत दुबे ने मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री कृषि निदेश उत्तर प्रदेश और मंडलीय अधिकारियों से शिकायत करते हुए जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इकबाल अहमद प्राविधिक सहायक ग्रुप सी वर्ष 2005 के बाद से बिना किसी सूचना के गायब हो गए। जिस क्षेत्र में तैनात थे उस क्षेत्र का कोई व्यक्ति उन्हें जानता नहीं है। यहां तक की विभाग के लोग भी नहीं जानते हैं। तो कैसे ज्वाइनिंग कराई गई और कैसे वेतन का भुगतान किया गया। इतनी लंबी अवधि तक गायब रहने के दौरान उन्हें कोई नटिस क्यों नहीं जारी हुई।
इंद्रजीत दुबे के मुताबिक इस प्रकरण में एक बड़ा घोटाला छुपा हुआ है। जो जांच हाने पर स्पष्टे जाएगा। उन्हो ने इस मामले की जांच की मांग की है तथा कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की धमकी भी दी है।
पूर्व में भी फर्जी कर्मचारी, लेता रहा था वेतन
सूत्रों का दावा है कि कृषि विभाग में तीन वर्ष पहले एक कर्मचारी पकड़ा गया था। जो लगभग आठ वर्ष से वेतन ले रहा था। वह कहां से स्थानांतरण होकर आया, यह जाने बिना उसे ज्वाइन कराकर वेतन का भुगतान किया जाने लगा। पोर्टल में कर्मचारियों का डाटा अपडेट होना शुरू हुआ तो पकड़ में आया। जांच में पता चला कि कर्मचारी फर्जी था। उसके खिलाफ केस दर्ज हुआ और जेल भेजा गया।
उप कृषि नेदशक ने कहा
इस बारे में उप कृषि निदेशक आर.के.विश्वकर्मा ने बताया कि इकबाल अहमद हार्ट संबंधित बीमारी के शिकार हैं। एकाएक लंबे समय तक गायब नहीं रहे। वह वर्ष 2008, 2011 और 2017 में जब ज्वाइन किए तब उस समय का भुगतान हुआ है। इस बार भी सारी जांच के बाद ज्वाइनिंग कराई गई और कार्य करने की अवधि का वेतन भुगतान हुआ है। पूर्व के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है। उनका कहना है सब कुछ नियमानुसार ही किया गया है।