मेड़ चरे खेतः बैंक कर्मियों ने लोन लेने गये गरीब वासिफ के ठग लिए 6 लाख रुपये
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। कहावत है कि जब मेड़ ही खेत खा जाए तो किसान का बचना असंभव है।जिला मुख्यालय पर ही एक ऐसा मामला हुआ। जहां लोन लेने गये मोहम्मद वासिफ ने बैंक से कर्ज तो लिया मगर भुगतान के 6 लाख रुपये ‘द बैंक वालों ने ही हड़प लिए। इस सिलसिले में सदर थाना क्षेत्र के रामप्रसाद नगर मोहल्ला निवासी मोहम्मद वासिफ की तहरीर पर पुलिस ने नगर स्थित यूनियन बैंक के मैनेजर सहित चार लोगों पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया है। मोहम्मद वासिफ का आरोप है कि बैंक मैनेजर ने कागजों में हेरफेर कर उनके रोजगार लोन के 6.29 लाख रुपये हड़प लिए।
मोहम्मद वासिफ के मुताबिक सरकार की एक योजना के तहत उन्होंने रोजगार करने के लिए यूनियन बैंक तेतरी बाजार शाखा में आवेदन किया था। 10 लाख रुपये का ऋण लेना था। इसमें 3.50 लाख रुपये उनके बैंक खाते में आ गए। जबकि 6.29 लाख रुपये एक फर्म को भुगतान करने के लिए उन्होंने पूरे ब्योरा के साथ बैंक को दिए थे। उन रुपयों से दुकान के लिए सामान की खरीद होनी थी। लेकिन ये रुपये न तो संबंधित फर्म को मिले न ही उन्हें। जब पता किया तो जानकारी हुई कि रकम दूसरे फर्म के नाम से एक जनसेवा केंद्र से निकाल लिए गए हैं।
आरोप के मुताबिक इस पूरे मामले में बैंक मैनेजर, वहीं काम करने वाला एक कर्मी और दो अन्य लोग शामिल रहे। ऐसी जानकारी मिलने के बाद वह मैनेजर अजय यादव से मिले तो पहले उन्होंने जानकारी होने से मना कर दिया। फिर धमकाने लगे। इसके बाद शिकायत की तो पुलिस के सामने रुपये हड़पने की बात स्वीकार की और समय मांगा। समय बीतने के बाद भी रुपयों का भुगतान नहीं किया। पीड़ित ने दोबारा शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की। तहरीर के आधार पर पुलिस ने बैंक मैनेजर तीन अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धारा में केस दर्ज कर लिया है।
इस संबंध में शहर कोतवाल सतीश कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर ब्रांच मैनेजर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा तेतरी बाजार अजय यादव, सुजीत कुमार बर्डपुर नंबर 14 लमतिहवा, इंद्रेश यादव जो बैंक का कर्मी बताया जा रहा है और मोहम्मद आरिफ निवासी मोहल्ला रामप्रसाद नगर के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धारा में केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
बैंक मैनेजर ने कहा
इस विषय में बैंक मैनेजर अजय कुमार का कहना है कि जो व्यक्ति आरोप लगा रहा है वह बैंक का डिफाल्टर है। रुपये हड़पने का आरोप गलत है। जिस व्यक्ति को सहयोगी बताया जा रहा है उस नाम का कोई कर्मचारी शाखा में काम नहीं करता। रही बात केस दर्ज होने की तो इस बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है।