नेपाल से हाे रही चाइनीज टमाटरों की तस्करी, सीमाई नागरिक खरीद रहे नेपाली टमाटर

July 17, 2023 1:45 PM0 commentsViews: 532
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निजाम जीलानी

नेपाल में बिकने वाले चााइनीज टमाटर

 

सिद्धार्थनगर। देश मे लगातार टमाटर की निरंतर बढ़ रही कीमतों के कारण यंहां सीमावर्ती क्षेत्र में तस्करों की पौ बारह हे गये हैं। वह नेपाल सीमा से भारत में वाइनीज टमाटरों की तस्करी में लग गये हैं। खुली सीमा होने के कारण सुरक्षा एंजेसियां भी इन पर अंकुश लगा पाने में विफल हैं। चाइनीज टमाटर मूल्य में भी भरत की अपेक्षा बहुत सस्ते हैं। इस कारण भारतीय क्षेत्र के नागरिक अब नेपाल से टमाटर खरीदने लगे हैं।

 भारत में नेपाल से चाार गुना मंहगा है टमाटर

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इधर भारतीय क्षेत्रों में तस्करी के माध्यम से लाये गये चाइनीज टमाटरों कीबिक्री की धूम मची है। इसका कारण टमाटर की कीमतों में भारी अंतर है। भारतीय त्र में जहां टमाटर 125 रुपये किलो बिक रहा है वहीं नेपाल में टमाटर की  फुटकर कीमत 30 रुपये किलो ग्राम है जिसका तस्कर खूब फायदा उठा कर सीमाई रास्ते से भारतीय बाज़ारों में अच्छे दामों पर बेच रहे है। सूत्रों का कहना है कि तस्कर अब टमाटर की संगठित तस्करी भी करने लगे है और ट्रकों के माध्यम से उसे दूर दूर तक पहंचाया जा रहा है। इस आशय की जानकारी मिलते ही इंडो नेपाल बार्डर पर एसएसबी के जवानों द्धारा पैनी निगाह रखी जा रही है तथा सरहदी इलाकों मे गश्ती दल सचेत हो गये हैं।

महाराजगंज में पकड़ी गई टमाटरों की खेप

हाल ही में 3 टन टमाटरों की खेप को महाराजगंज में एसएसबी की टीम ने पकड़ा है। इससे टमाटर की संगठित तस्करी का खुलासा हुआ है। उक्त टमाटर नेपाल के भरहवा से लाया गया था। बता दें कि नेपाल के जनकपुर के नजदीक लालबन्दी व पालुम आदि क्षेत्र में चीन की तर्ज पर टमाटर की खेती होती है। इसके साथ् ही टमटर बड़े पैमाने पर चीन से लाया जाता है।जिसे तस्कर नेपाल के भैरहवा ला रहे हैं और यहां से पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जगहों पर सप्लाई कर रहे हैं।

सीमाई नागरिक खा रहे 30 रुपये किलो वाला टमाटर

हालांकि तस्करी एक अपराध है, लेकिन नेपाल सीमा से सटे गांवों के नागरिक चीनी टमाटरों की खरीद से बहुत मजे में है में हैं। प्रतिदिन सुबह शाम झोला लेकर नेपाल जाते हैं औरकिलो दो किलों टमाटर लेकर चले आते हैं। सीमा पर तैनात सुरक्षा कर्मी भी इसे नहीं रोकते। वे दानों देशों की साझा संस्कृति भी समझते हैं। इस प्रकार भारत नेपाल से हजारों नागरिक प्रतिदिन एक दूसरे के यहां से दैनिक उपयेग के सामान खरीदते देखे जाते हैं। और दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियां उन्हें नहीं छेड़तीं। वे तो केवल संगठित तस्करी पर ध्यान देती हैं। इस प्रकार सीमा से सटे गांव कस्बों के भारतीय नागरिक टमाटर के मामले में भाग्यशीली साबित हो रहे हैं।

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