दलित महिला के हत्यारे को आजीवन कारावास सहित 50 हजार रुपये का अर्थदण्ड की सजा
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। विशेष अपर सत्र न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट चन्द्रमणि ने दलित जाति की महिला की हत्या करने का दोषी पाकर रविन्द्र पुत्र लल्लन राय को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए रुपये के 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में दोषी को 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। राज्य सरकार की तरफ से अभियोजन पक्ष की पैरवी बेचन राम लोधिया ने किया।
घटना वर्ष 2014 में खेसरहा थानाक्षेत्र के ग्राम सेमरहना के अरहर के खेत में घटित हुआ था। थानाक्षेत्र के ग्राम गैंडाखोर टोला पूर्वापर निवासी राजेश पुत्र जोखन ने पुलिस को तहरीर देकर कहा कि उसकी माँ कलावती देवी प्राथमिक विद्यालय पुरवापार में रसोइया है। वहाँ से भोजन बनाने के बाद वह घर गयी, 28 नवम्बर 2014 को दिन में करीब 3 बजे वह घास काटने बाहर गयी। शाम को देर होने पर जब घर नहीं आयी तो वह गाँव के अन्य लोगों खोजने निकले।
गाँव के पश्चिम बाग के पूरब खोजते खोजते ग्राम सेमरहना के नर्वदेश्वर के अरहर के खेत में उसकी माँ कलावती का खून से लथपथ शव मिला जब उसने व अन्य लोगों ने शव देखा तो शाम के करीब 7 बज रहे थे उसकी माँ की किसी ने हत्या कर दी थी। पुलिस ने घटना की तहरीर अज्ञात के खिलाफ दर्ज कर लाश का पंचनामा करवाकर पोस्टमार्टम कराया। विवेचना के दौरान मृतका के लड़के ने 18 जनवरी 2015 को पुनः थाने पर लिखित सूचना दिया कि घटना के दिन गाँव के दक्षिण में भैंस चरा रहे उसके बाबा दुलारे व लक्षन पुत्र मुनेसर एवं त्रिवेनी पुत्र दुक्खी ने घटना के दिन गैंडाखोर निवासी रविन्द्र राय पुत्र लल्लू राय को करीब 4:30 बजे अरहर की खेत से संजय की दुकान की तरफ जाते देखा था जिनके बताने पर लिखित सूचना दिया है।
डर की वजह से वे लोग उस दिन नहीं बता पाए थे। पुलिस ने विवेचना करके रविन्द्र राय पुत्र लल्लन राय के ख़िलाफ़ आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। न्यायालय ने घटना का संज्ञान लेकर मामले का विचारण शुरू किया। विचारण की समाप्ति के पश्चात विचारण के दौरान उपलब्ध साक्षियों के साक्ष्य, पंचनामा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट व अन्य आवश्यक प्रपत्रों के आधार पर रविन्द्र राय को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास व 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में 3 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।