किसानों पर दोहरी आफत, भारी बरसात से बाढ़ के खतरे के साथ पशुओं से खेतों की तबाही जारी

August 24, 2023 1:01 PM0 commentsViews: 192
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नजीर मलिक

भरवठिया मुसतहकम में बरसात के दौरान खेत चरते छुट्टा पशु

 

सिद्धार्थनगर। निरंतर पांच दिनों से हो रही बरसात जिले केकिसानों पर दोहरी आफत लेकर आई है।  बरसात से नदियों के बड़ते जल स्तर ने जहां किसानों के दिलों में सलाब की दहशत बैठा रखा है वहीं बरसात के कारण किसानों द्धारा खेतों की रखली न कर पाने के कारण छुट्टा पशु उनकी खरीफ की फसल बरबाद कर रहे हैं।

भारी बरसात के कारण रात में अपने खेतों की रखवाली नहीं कर पा रहे। खुले आसमान में भयानक बरसात के बीचकिसानकिस तरह अपने खेतों की रखवली करे उसे समझा में ही नही आ रहा है। खेतों को चरने के लिए महफूज माहौल पाकर छुट्टा पशु आराम से खेत दर खेत चरागाह के माफिक चर रहे हैं और किसान बेबस होकर अपनी बरबादी देखने को मजबूर है। नौगझ़ ब्लाक के ग्राम बरगदवा के किसान चन्द्रजीत यादव कहते हैं के उनके पास देकर आधा बीधा जमीन में धन की फसल लगी थी उसे भी इन पशुओं ने सफाचट कर लिया।

जानकारी के मुताबिक यही हालत जिले के अधिकांश ब्लाकों की है। बरसते पानी में खेतों की रखवाली न कर पाने से छुट्टा पशुओं की बन आई है। ग्रम भ्रवठिया मुस्तहकम के किसान ताहिर महमूद का कहना है कि उनका राप्ती नदी के तट पर बसा है। नदी से घर डूबने का खतरा तो है ही दिनरात घूमने वाले पशु भी उन जैसे ग्रामीणों के लिए आफत का परकाला साबित हो रहे हैं। इसी प्रकार गाम घरबांस पार के रतन का कहना है कि उनके पास केवल एक बीघा खेत है। मगर उन्होंने अब धन गेंहूं की खेती करना ही बंद कर दिया है। बरसात खतम होने के बाद वे सब्जी की खेती करते हैं तथा वहीं मचान बना कर खेतों की रखवाली करते है।

कई किसान व समाजसेवियों ने छुट्टा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए आईजीआरएस पर शिकायत भी किए लेकिन इसके बावजूद भी लोगों को समस्या से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है। शासन के निर्देश के बाद भी छुट्टा पशु पकड़ने का कार्य नहीं किया जा रहा है।

इस बारें में ग्राम साहा के किसान केसरी चौधरी का कहना है कि अभी तक सूखे की स्थिति थी, पंपिंग सेट लगाकर किसी तरह धान की फसल की रोपाई की गई। खेत में खाद डाल करदिन रात रखवाली भी किया, लेकिन बरसात में उनकी सारी मेहनत पर ये छुट्टा पशु पानी फेर दें रहे हैं, उनका कहना है कि शिकायत करने के बाद भी कोई अधिकारी ध्यान नहीं देते हैं। जनप्रतिनिधियों के साथ अफसरों को भी इस दिशा में सोचने की जरूरत है।

इस बारें में सदर विकास खंड के बीडीओ अरुण कुमार पांडेय का कहना है कि्  ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे छुट्टा गोवंशों से खेतों की तबाही उनके  संज्ञान में है, जल्द ही वे टीम बना कर दो दिन में वहां के पशुओं को गोशाला भेजवा दिया जाएगा। किसानों की समस्या समाप्त हो जाएगी।

 

 

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