आपरेशन की भी डिग्री नहीं थी बच्चा चोरी के आरोपी डाक्टर रहमान के पास
नजीर मलिक
बच्चा चोरी के आरोपों से घिरे बढ़नी के एक चिकित्सक डा.हफीजुर्रहमान शल्य चिकित्सा केलिए अधिकृत डिगी धारक नहीं थे।लिहाजा उनका आपरेशन करने का कार्य भी गैर कानूनी था। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग से मिली है।जिले के डिप्टी सीएमओ डा. संजय गुप्ता का तो यहां तक कहना है कि वह आयुष डाक्टर हैं।जिनका रिर्काड तक उनके यहां नहीं रखा जाता। ऐसे में वे आपरेशन जैसा गंभीर कार्य कैसे कर सकते हैं। बता दें कि हफीजुर्रहमान गत दिनों बबलरामपुर में आपरेशन करने गये थे। जहां एक बच्चा चोरी होने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक हफीजुर्रहमान एक आयुष का डॉक्टर है। जिन्हें आम भाषा यूनानी या आर्युवेद डाक्टर कहा जाता है। शासन द्धारा ऐसे लोगों को आपरेशन का अधिकार नहीं दिया जाता है। यह गैर कानूनी है। इसके बावजूद वे बढ़नी व बलरामपुर में ऑपरेशन करने जाते थे। वैसे आम तौर पर ऐसे डाक्टर आपरेशन करते हैं। मगर जब कभी वे पकड़े जाते हैं तो कानून से सजा भी मिलती है।यहां तो हफीजुर्रहमान पर बच्चा चोरी का आरोप है। तो जाहिर हैकि वे जेल जायेंगे ही। अगर बच्चा चोरी नहीं हुआ होता तो वे भी अनेक डाक्टरों की तरह अपना धंधा जारी रखते जैसे कि अनेक झोलाछाप धड़ल्ले से यह गैरकानूनी काम कर रहे हैं। इसके लिए कहा जाता है कि वे स्वास्थ्य विभाग की अच्छी खासी सेवा भी करते हैं।
बताया जाता है कि बढ़नी में वह रूबी हेल्थ केयर नाम से क्लिनिक चलाते थे। जबकि उसकी डिग्री सर्जरी के लिए पर्याप्त नहीं थी। बताया जाता है कि तीन चार दिन पहले उन्हें बलरामपुर में अवैध रूप से संचालित मिशन अस्पताल में आपरेशन के लिए बुलाया गया था। जहां संयोग से एक बच्चा चोरी होगया। उस मामले की जांच हुई तो पुलिस की जांच में हफीजुर्रहमान भी उसमें शामिल पाये गये। स्थानीय लोगों के अनुसार चिकित्सा पेशा में वह कई बार विवादित रहे हैं। एक साल पहले बढ़नी में ही एक पुरूष का ऑपरेशन करने के बाद वह विवादों के घेरे में आये थे। स्वास्थ्य विभाग में निजी अस्पतालों के पीसीएनडीटी के नोडल अफसर एवं डिप्टी सीएमओ डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में बीयूएमएस एवं बीएएमएस डॉक्टरों का कोई रिकॉर्ड नहीं है। मगर आयुष डाक्टर आपरेशन के लिए अधिकृत नहीं होता है।फिलहाल वह जेल में हैं।