पुस्तक विमोचन समारोहः बहादुरशाह जफर कौमी एकता के प्रतीक व देश की विरासत- वीरेन्द्र 

December 15, 2023 1:17 PM0 commentsViews: 441
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 अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर । महान स्वतंत्रता. सेनानी बहादुर “शाह ज़फ़र: 1857 के महानायक” पुस्तक का विमोचन समारोह स्थानीय शुभम सभागार में गुरुवार को सम्पन्न हुआ। समारोह के अध्यक्ष डॉ चन्द्रेशेखर त्रिपाठी  व मुख्य अतिथि विधायक वीरेंद्र चौधरी व अन्य अतिथितियों ने पुस्तक का अनावरण  किया और बहादुर शाह पर कार्यक्रम का आयोजन शहर के लिए खास बताया। पुस्तक को वरिष्ठ इतिहासकार प्रो. राम पुनियानी ने लिखा है और अनुवादक बदरे आलम ने किया है।

इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष और पूर्व सांसद चन्द्रेखर त्रिपाठी ने कहा कि बहादुर शाह जफर भारतीय इतिहास के चमकदार सितारे हैं। इनकी प्रेरणा हमे सदा शक्ति देती रहेगी। उन्होंने ने बहादुर शाह के प्रति आदरांजलि व्यक्त करते हुए कहा की भारत को सपनो का देश बनाने के लिए हमे 1857 के बलिदानियों की गाथाएं याद रखनी होगी। दरअसल बहादुरशह जफर धर्मनिरपेक्ष भारत की सबसे बड़ी पूंजी हैं। हमे इसे बरकारार रखना होगा।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि व विधायक वीरेंद्र चौधरी ने कहा कि इतिहास के सहारे हम अपना भविष्य और बेहतर बना सकते हैं। वर्तमान पीढ़ी बहादुर शाह ज़फ़र, नाना साहब, तात्यां टोपे, रानी लक्ष्मी बाई को जितना पढ़ेगी, देश के निर्माण की दिशा में उतना ही प्रेरित होगी। उन्होंने कहा कि बहादुरशाह देश की कौमी एकता की विरासत हैं। इसे हर हालत में संभाल कर रखना चाहिए।

समारोह के अंत मे कार्यक्रम के आयोजक, पुस्तक के अनुवादक एवं रहमानी फाउंडेशन के अध्यक्ष बदरे कम ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम को पूर्व सांसद मुहम्मद मुकीम , पूर्व विधायक लालजी यादव व अनिल सिंह, पूर्व राज्यसभा संसद आलोक तिवारी,  सच्चिदानंद पांडेय, चेयरमैन फरेंदा, राम मिलन भारती, रंजना मिश्रा, बार एशोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अखंड प्रताप सिंह एडवोकेट, सीनियर पत्रकार नजीर मलिक आदि ने संबोधित कर स्व. बहादुरशाह जफर को आदरांजलि अर्पित किया।

इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक एव आयोजक संस्था मौलाना अब्दुल कयूम रहमानी फाउंडेशन के अध्यक्ष बदरे आलम ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर फरीद अब्बासी प्रधानाचार्य, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुहेल अहमद, सबरे आलम, कैलाशनाथ वाजपेयी, अब्दुल नईम खां, सुनील कुमार, निजाम जीलानी आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन यशोदा श्रीवास्तव ने किया।

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