रक्तदान के लिए पांच युवकों ने उठाया बीड़ा, अब कारवां बनता जा रहा, महिला लेखपाल बनी महादानी

December 23, 2023 6:28 PM0 commentsViews: 332
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रक्तदान-महादान टीम सिद्धार्थनगर से जुड़े डेढ़ सौ सदस्य, महिलाएं भी

गैर जनपदों में जरूरत पड़ने पर रक्तदान कर बचा रहे दूसरों की जान

अजीत सिंह

सिद्धार्थनगर। विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है। कृत्रिम रक्त बनाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक इसका कोई विकल्प नहीं मिला है। रक्त का एकमात्र उपाय रक्तदान ही है। इसलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। यह एक ऐसा दान है जो न सिर्फ अपनों की बल्कि उनका भी जीवन बचाता है, जिनसे खून का कोई रिश्ता नहीं होता। इस दान में अब आधी आबादी भी अपनी पूरी भागीदारी निभाने के लिए आगे आ रही है। जहां बीमार व लाचार की सेवा पुण्य का कार्य है, इसमें रक्तदान सबसे बढ़कर है।

रक्तदान महादान है। हम रक्तदान करके किसी जरूरतमंद को जीवन दान दे सकते हैं। हम एक यूनिट रक्तदान कर चार जिंदगियां बचा सकते हैं। रक्त दान करने से शरीर में नया रक्त बनता है तथा खून का संचार भी तेज होता है, जिससे रक्त में कोलेस्ट्रोल का स्तर भी काफी घट जाता है। इसी सोच के साथ जनपद में 10 वर्ष पहले पांच युवकों की टीम ने रक्तदान, महादान टीम का गठन किया। जरूरतमंदों की जानकारी मिलते ही स्वयं के साथ दूसरों की मदद से पहचान वाले अथवा अनजान चेहरों को रक्तदान देकर जान बचाने में अहम भूमिका निभाना शुरू किया।

जिला मुख्यालय के दतरंगवा निवासी अखिलेश जायसवाल, बांसी क्षेत्र के बृजेश चौबे, तिघरा निवासी नागेश्वर दुबे, लोटन क्षेत्र के महेश यादव, इटवा क्षेत्र के रिंकू मिश्रा जैसे इन युवकों की प्रेरणा से अन्य युवक समेत युवतियां, महिलाएं इनसे जुड़कर महादानी बनने में सक्रिय योगदान दे रहे हैं।

अखिलेश जायसवाल के मुताबिक वर्तमान में लखनऊ, कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज, बलरामपुर जैसे जिलों में लगभग 170 लोग जुड़े हुए हैं। इनमें लगभग 30 युवतियां और महिलाएं सम्मिलित हैँ। इस माह गोरखपुर में 10 यूनिट ब्लड साथियों के सहयोग से मरीजों को दिया गया। बताया कि पीजीआई, केजीएमयू समेत जिला अस्पतालों में जानकारी मिलने पर टीम के सदस्य फौरन सक्रिय हो जाते हैं।

महिला लेखपाल बनी महादानी
बीते सप्ताह टीम के एक सदस्य नागेश्वर दुबे के पास बांसी नगरपालिका के सहजी गांव से रोहित निषाद ने फोन किया। बताया कि गांव एक लड़के की तबियत खराब है। उसको एक यूनिट ब्लड की आवश्यकता है। उन्होंने फौरन सदर तहसील में कार्यरत लेखपाल ज्योति सिंह को सूचना दी। ज्योति ने बिना किसी हिचक के रक्तदान किया। इसके अलावा उस्का बाजार क्षेत्र की दीक्षा उपाध्याय और शहर से सटे सोनवल पांडेय की पिंकी पांडेय भी रक्तदान देने के लिए सदैव तत्पर रहती है।

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