विडिओ की मनमानी से बैठक में हंगामा, ब्लाक प्रमुख को बिना बताए किया मनरेगा में 6 करोड़ का भुगतान
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। विकास खंड जोगिया के विडिओ अरुण कुमार पाण्डेय की मनमानी इस कदर चरम पर है कि उन्होंने ब्लाक प्रमुख को बिना बताए ही 1 अप्रैल 2024 के बाद से अभी तक यानी लगभग तीन माह में 593.13 करोड़ (लगभग 6 करोड़) का मनरेगा के अंतर्गत भुगतान कर दिया गया। गत 12 जुलाई को आयोजित ब्लाक की समीक्षा बैठक में ब्लाक प्रमुख साहित बीडीसी व प्रधानों के सवालों का वाजिब जवाब देने की बजाय कर्रवाई रजिस्टर लेकर वहाँ से चले गये और बैठक हंगामे की भेंट चढ़कर खत्म हो गया।
सूत्रों के मुताबिक गत 12 जुलाई को क्षेत्र पंचायत सदस्यों व प्रधानों का बैठक होना तय था जिसके लिए विकास खंड जोगिया के ब्लॉक प्रमुख सावित्री देवी और प्रतिनिधि श्रीष चौधरी के साथ भारी संख्या में ग्राम प्रधान व क्षेत्र पंचायत सदस्य मौजूद थे। बैठक सुबह 11 बजे प्रस्तावित था, 11:20 बजे बीडीओ अरुण कुमार पांडेय ने संख्या कम होने का हवाला देकर बैठक निरस्त कर वहाँ से चले गए जबकि मौके पर 34 लोगो ने हस्ताक्षर किया था और शेष क्षेत्र पंचायत सदस्य मौजूद थे।
इससे पहले प्रमुख सावित्री देवी व उनके प्रतिनिधि श्रीश चौधरी के साथ मौजूद ग्राम प्रधानों और क्षेत्र पंचायत सदस्यों द्वारा मनरेगा भुगतान को लेकर सवाल करने पर विडिओ द्वारा कहा गया कि कार्ययोजना बनाने और भुगतान करने के लिए ब्लाक प्रमुख कौन होता है? जिसका मौजूद सदस्यों द्वारा विरोध जताया गया और बीडीओ द्वारा मनरेगा भुगतान के सवाल जवाब का हंगामा भरा सिलसिला शुरू हुआ कुछ देर बाद बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई।
प्रमुख प्रतिनधि श्रीष चौधरी ने कहा कि खंड विकास अधिकारी अपने पद का गलत प्रयोग कर रहे है प्रमुख प्रतिनधि को कार्य से सबंधित कोई भी जानकारी देने से इनकार कर रहे है उनकी कार्यशैली से विकास कार्य वाधित हो रहा है और ब्लॉक का कोई भी प्रधान और कर्मचारी इनसे संतुस्ट नही है बिना प्रमुख के प्रस्ताव से कार्य योजना बनाकर बिना हस्ताक्षर के मनरेगा के भुगतान कर रहे है। उन्होंने शासन प्रशासन से खंड विकास अधिकारी के इस कार्यशैली की जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की है।
उक्त बातों और बीडीओ के मनमाने रवैये से वहा मजूद सदस्यों व प्रमुख प्रतिनिधि श्रीश चौधरी द्वारा उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई। इसके अलाव प्रधान प्रतिनिधि रत्नेश सिंह के नेतृत्व में वहाँ मौजूद बीडीसी सदस्यों व प्रधानों द्वारा बीडीओ की तानाशाही नही चलेगी और बीडीओ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।