फर्जी है लोटन का तेजाब कांड? तीन लोग झुलस गये, फिर वे अस्पताल जाने के बजाए घूम कैसे रहे?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। लोटन थाना क्षेत्र के निबिहवा गांव के एक परिवार के तीन लोगों पर तेजाब फेंक कर घायल करने की घटना अखबारों की सुर्खियों में है। इस प्रकरण में लोटन पुलिस ने नामजद मुकदमा भी दर्ज कर लिया है। मगर घटना की जांच पड़ताल पर ऐसा लगता है कि वह पूरी तरह सच नहीं है। लिहाजा इस मामले की गहराई से जांच पड़ताल जरूरी होती जा रही है। अन्यथा एक बेकसूर को निरापराध होने के बाद भी जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ेगा।
सोचिए जरा, लोटन कोतवाली क्षेत्र के निबिहवा गांव निवासी चन्द्रदेव ने रविवार को पुलिस को तहरीर दी कि उसके ही गांव के निवासी दुर्गेश पुत्र संतराम ने झगड़े के दौरान उसकी पत्नी सहित 16 वर्षीया पुत्री गुंजा व 13 वर्षीय पुत्र लवकुश पर तेजाब फेंक दिया। जिससे तीनों के चेहरे झुलस गये हैं। तहरीर में वादी ने दोनों परिवारों के बीच पुरानी रंजिश की बात भी लिखी है। घटना की रिपोर्ट पुलिस ने दर्ज कर लिया है।
अब खड़े होते हैं सवाल कि क्या आरोपी ने ने वास्तव में मां बेटी और बेटे पर तेजाब फेंका है। तहरीर में तेजाब से उन लोगों का झुलसना लिखा है। मगर ग्रामीण बताते हैं कि उक्त तीनों भले चंगे दिखाई दे रहे हैं। अब शरीर का कोई अंदरूनी हिस्सा झुलसा हो तो और बात है। दूसरी बात कि तेजाब से झुलसने पर पीड़ित के अंगों पर जलन होती है और घाव भी होता है मगर इस घटना में कथित पीड़ितों में से किसी के अस्पताल में दाखिल होने की सूचना नहीं है। न ही पुलिस ने उन तीनों को किसी अस्पताल में दाखिल कराया है। ऐसे में एक शंका का जन्म लेना स्वाभाविक हो ही जाता है। यही नहीं तहरीर में दोनों परिवारों के बीच पुरानी रंजिश की बात कही गई है। क्या यह संभव नहीं कि यह कृत्य रंजिशन किया गया हो।
इस बारे में पुलिस अधीक्षक प्राची सिंह भी पूरे विश्वास से दावा नहीं कर पातीं। वे केवल इतना कहती है कि मामला दर्ज कर लिया गया है। आगे जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जायेगी। पुलिस अधीक्षक का कहना भी सही है। अपराधी के खिलाफ कार्रवाई होनी ही चहिए, मगर किसी निरपराध को अकारण में जेल भी नहीं जाना चाहिए। इसलिए मामले की गहन जांच जरूरी हो गई है।