अहंकारी बाप ने बेटी का किया कत्ल, देर तक जवान बेटी का घर से बाहर रहना था नापसंद?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। एक बाप ने अपनी 26 साल की बेटी की बड़ी निर्दयता से कत्ल कर दिया। बाप का ख्याल है कि लड़की बेमतलब घूमती रहती थी। लोग बताते हैं कि इससे बाप के अहम् को चोट पहुंचती थी थी, लेकिन यह सवाल कम गंभीर नहीं है कि वे कौन से कारण है जिनकी वजह से मां और बच्चों को एक ही छत के नीचे अलग रहना पड़ता था। फिलहाल बाप कत्ल के आरोप में गिरफ्तार है। कत्ल की वारदात में साझीदार उसका बड़ा बेटा फरार हो गया है।
डुमरियागंज के मेही हरदो गांव में सुखराज का भरा पूरा परिवार था। लेकिन उसके शराब पीने के कारण घर में आये दिन कलह होती थी। नतीजतन दो साल पहले परिवार बंट गया। सुखराज और उसका बड़ा बेटा लवकुश साथ रहते थे। जबकि उसी घर के एक हिस्से में सुखराज की पत्नी शुभावती और अपनी दो बेटियों अर्चना, पूजा और सबसे छोटे बेटे अभिषेक के साथ अलग रहती थी। मां की लगाातार बीमारी के कारण अर्चना ने शादी तक करने से इंकार कर दिया था।
पति से अलग रहने के कारण सुभावती आर्थिक संकट में घिर गई। इस पर 26 साल की बेटी अर्चना ने घर का जिम्मा संभाला। वह घर से बाहर निकलती और छोटे मोटे काम कर घर खर्च निकालती। इसी चक्कर में वह कई बार देर शाम को घर लौटती। इस बात पर पिता सुखराज और भाई लवकुश अक्सर उसे मारते और झगड़ा करते और मारते पीटते, हालांकि अर्चना हर झगड़े में यही कहती कि जब आप लोग परिवार का सहारा नही बन रहे तो मां और छोटे भाई बहन का पालन पोषण कैसे होगा, बीमार मां का इलाज कैसे होगा? मगर बाप बेटे इस बात का जवाब देने के बजाय केवल यही कहते कि उन्हें तुम्हारा बाहर घूमना फिरना उन्हें पसंद नहीं। बस यो ही लड़ते झगड़ते एक टूटे बिखरे परिवार के दिन किसी तरह गुजर रहे थे, कि काला सोमवार यानी अर्चना की मौत का दिन आ गया।
सोमवार की रात को जब अर्चना घर लौटी तो शराब के नशे में अर्चना के पिता सुखराज ने फिर उसे रात में घर आने की बात को लेकर लड़ना झगड़ना शुरू कर दिया। इसी वक्त वहां लवकुश भी आ गया। अर्चना की फिर वही दलील कि अगर वह काम नहीं करेगी तो घर कैसे चलेगा। इसी पर बात बढ़ गई। इसके बाद सुखराज ने पास के सिल बट्टे से बट्टा उठा कर अर्चना के सर पर वार करने लगा। अर्चना वहीं जमीन पर गिर गई। असल में अर्चना की मौत हो चुकी थी। कहते हैं कि बाद में उस पर हथौड़ी से भी वार किया गया था। बहरहाल पुलिस ने मौके पर पहुंच कर पिता सुखराज को गिरफ्तार कर लिया, जबकि भाई लवकुश फरार होने में सफल हो गया। इस बारे में अर्चना के छोटे भाई 14 वर्षीय अभिषेक ने बताया कि उसके पिता शराब पीकर अक्सर बहन से मारपीट करते थे। सोमवार की रात भी उन्होंने यही किया और आखिर अर्चना दीदी की जान लेकर ही दम लिया। यी कहते हुए वह अपनी 16 साल की बहन पूजा से लिपट कर रोने लगता है।
इस कहानी से पता चलता है कि जवान बेटी के घूमने फिरने पर बाप के अहंकार को चोट तो पहुंचती है, मगर उसी बेटी को दो जून की रोटी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी से वह भाग भी रहा था। इसी तरह के नकली अहंकार के कारण समाज में इस प्रकार के अपराध बढ़ते जा रहे हैं। हो सकता है कि अर्चना का चरित्र संदिग्ध हो। वह कुछ गलत कर रही हो मगर यदि उसका बाप उसको व परिवार को सहारा देता तो ऐसा कदापि नही होता।