स्कूली किताबें बेचने के आरोप में बीईओ गिरफ्तार, जेल भेजे गये, जांच हुई तो और भी राज खुलेंगे

November 30, 2024 1:10 PM0 commentsViews: 244
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नजीर मलिक

ब्लाक संसााधन केन्द्रों पर परिषदीय पुस्तकों के ढेर

सिद्धार्थनगर। परिषदीय विद्यालय की पुस्तकों को कबाड़ी से बेचने के मामले बांसी पुलिस ने शुक्रवार को यानी आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी  (बीईओ) बांसी अखिलेश सिंह को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया है। इसके बाद से जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में हडकम्प मच गया है। जानकारों का कहना है कि पकड़े गये बीईओ तो  एक मोहरा भर हैं। अगर पूरे जिले में गहराई  से छानबीन हुई तो बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की बाढ़ में कई अन्य बड़ी मछलियों के जाल में फंसने की उम्मीद है।

बता दें कि हाल में 8 कुंतल परिषदीय पुस्तकों को रद्दी में बेचते समय पकड़े गए कस्बे के शास्त्रीनगर वार्ड निवासी कबाडीअंकित कसेरा व प्रतीक कसेरा उर्फ गोपाल और खंड शिक्षा अधिकारी बांसी कार्यालय सहायक शहाबुद्दीन पुत्र मो इस्लाम निवासी नेउरी थाना मिश्रौलिया व अनुचर रामजस निवासी प्रतापनगर कस्बा बांसी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसमें पांचवें आरोपी के रूप में बीईओ थे। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगी थी। शुक्रवार को एक सूचना पर बांसी पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उन्हें दबोच लिया। इस संबंध में कोतवाल बांसी राम कृपाल शुक्ल ने बताया कि पांचवें आरोपी खंड शिक्षा अधिकारी बांसी अखिलेश सिंह को गिरफ्तार कर न्यायालय भेज दिया गया है।

उल्लेखनीय है  कि 15 अक्तूबर परिषदीय विद्यालय की पुस्तक बेचने के मामले में कोतवाली पुलिस ने दो कबाड़ी और दो खंड शिक्षा अधिकारी बांसी के कार्यालय सहायक कुल चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बच्चों को पढ़ने के लिए निशुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई गई कक्षा एक से आठ तक की पुस्तक खंड शिक्षा अधिकारी बांसी के कार्यालय में पड़ी थी। जिसे विद्यालयों में न भेजकर अतिरिक्त आमदनी के लिए कबाड़ी के हाथ बेच दिया था। 15 अक्तूबर को मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एक पिकअप से कक्षा एक से आठ तक की आठ क्विंटल किताबों को ले जाते समय कबाड़ी बंधुओं को  रंगे हाथ पकड़ा गया था।

इस बारे में शिक्षा विभाग में यह चर्चा आम है कि ट्रक के ट्रक परिषदीय किताबों को रद्दी के भाव कबाड़ी से बेचने का मामला केवल बांसी में ही नही, बल्कि अन्य कई स्थानों पर भी हुआ है। चूंकि बांसी में कबाडी मौके पर पकड लिए गये, इसलिए वह मामला संज्ञान में आ गया। सूत्र बताते है कि अगर गहराई से जांच हुई तो इस प्रकार के अन्य मामले में सामने आयेंगे और भ्रष्टाचार की इस बाढ़ में बड़ी मछलियां भी फंसेंगेी।

 

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