कलियुगी पुत्र- अपने दुश्मन को फंसाने के लिए बेटे ने बाप को मार डाला
न बांस रहेगा न ही बांसुरी बजेगी की कुटिल नीति, कोटिया पांडेय में
बाप को मार कर दुश्मन को फंसाने की बेटे ने बनाई खतरनाक चाल
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर।खेसरहा क्षेत्र के कोटिया पांडेय गांव में सोमवार भोर में नित्य क्रिया के लिए गए बाबूलाल नामक एक बूढ़े आदमी की गरदन को उसके ही कलियुगी बेटे आमत्माराम लोधी काट कर बड़ी क्रूरता से मार डाला। आत्मा राम ने बाप का गला काटने से पहले उनके सर और चेहरे पर भी कई वार किया। यही नहीं बाप के कत्ल के बाद आत्माराम ने अपने दुश्मनों को फंसाने कि लिए खुद ही पुलिस को फोन भी कर दियाए मगर कहते हैं न कि खून सर पर चढ़ कर बोलता है। तो इस मामले में आत्माराम के सर पर सवार खून के भूत ने खुद ही जुर्म की खबर दे दी और नतीजे में आत्मा राम को जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा।
बड़ी क्रूरता से किया बाप का कत्ल?
31 दिसम्बर सोमवार की ठिठुरन भरी काली सुबह थी। हुआ यो कि 70 साल के बाबूराम शौच के लिए खेतों की ओर गये तो उनके पीछे पीछे उनका बडा बेटा आत्माराम भी पहुंच गया। बाबूलाल कुछ समझ पाते इससे पहले ही आत्माराम ने हाथ में पकड़े लोटे से उनके सर और चेहरे पर कई वार किया। इसके बाद उसने लोटे के मुंह पर बनी धार से जमीन पर गिरे अपने बाप के गरदन को रेत डाला। इसके बाद उसने पुलिस (पीआरबी) को फोन कर बताया कि गांव के कुछ लोगों ने उसके पिता की हत्या कर दी है।
अपराध ने सर चढ़ कर दी गवाही
सूचना पाते ही पीआरबी की गाड़ी कोटिया गांव के सीवान की तरफ दौड़ पडी। सीवान के बाहर उसे आत्माराम भी मिल गया। पुलिस वालों ने उसे भी बैठा कर घटना स्थल की ओर चल पड़ी। मगर अपराध तो सर चढ़ कर बोलता है सो यहां भी वही हुआ। आत्माराम के कम्बल पर लगे खून के दाग को देख कर पुलिस वालों का पहला शक उस पर ही गया। मौके पर लाश के पास ही हुई पूछताछ के दौरान उसके झूठ पर पुलिस वालों ने उसे डांटना डपटना शुरू किया तो आत्माराम ने अपने ही बाप की हत्या की बात कबूल कर ली। उसने बाप की हत्या का जो करण बताया वह बेहद सनसनीखेज और चौंका देने वाला था। जिसे सुन कर लोग दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर हो गये।
एक तीर से दो शिकार कोशिश
आत्माराम के बयान के मुताबिक वह चार भाइयों में सबसे बड़ा है। सभी अलग रहते हैं। उसके पिता उसे उपेक्षित रखते थे, जिससे वह दुखी रहता था। इसी बीच कुछ दिनों पहले उसका गांव में कुछ लोगों से झगड़ा हुआ था, मगर उसके पिता ने उसकी मदद नहीं कि थी। जिससे वह बहुत आक्रोशित थ। एक दिन उसने सोचा कि यदि वह अपने पिता की हत्या कर अपने दुश्मनों को फंसा दे तो बाप भी नहीं रहेंगे और दुश्मन को भी जेल हो जायेगी। उसी प्लान के तहत दसने 31 दिसम्बर सोमवार को अपने पिता की हत्या कर दी। मगर कम्बल में लग खून ने पुलिस वालों को सच समझने का मौका दे दिया।
बता दें कि कोटिया गांव के मृत्क बाबूलाल के चार बेटों में बड़ा आत्माराम, योगिंदर व रामायन शादीशुदा हैं। आपसी खटास के कारण तीनों अलग-अलग रहते हैं। पिता बाबूलाल बीच वाले बेटे योगिंदर के साथ रहते थे। मौजूदा समय में बड़ा बेटा आत्माराम घर था। योगिंदर और रामायन मुंबई में रोजगार के सिलसिले में हैं। ग्रामीणों के मुताबिक बड़े बेटे आत्माराम और पिता में आपसी मतभेद रहता था। सोमवार को बाबूलाल सुबह पांच बजे गांव के उत्तर दिशा में ताल के पास नित्य क्रिया करके लौट रहे थे। उसी समय उसके बड़े बेटे आत्माराम ने यह कुकृत्य कर डाला।
अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा
इस बारे मे अपर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ ने बताया कि कि घटना को लेकर मृतक बाबूलाल की मझाली बहू आशा की तहरीर पर बाबूलाल के बड़े लड़के आत्माराम के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर उसे पुलिस हिरासत में ले लिया गया है। हत्या के पीछे की ठोस वजह जानने के लिए खेसरहा पुलिस जांच कर रही है।