चार युवक 17 साल की लड़की को क्यों ले जा रहे थे नेपाल?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। 17 साल की एक खूबसूरत लड़की, जिसके चेहरे से आभा दमक रही थी। उसे मंगलवार को चार नौजवान लेकर नेपाल जा रहे थे। बस्ती की रहने वाली उन चारों युवकों के साथ सिद्धार्थनगर जिले के ककरहवा की तरफ बढ़ रहे थे। वह सभी जैसे ही ककरहवा में एसएसबी बैरियर के पास पहुंचे, उनके हाव भाव से एसएसबी के जवानों को शंका हुई। पूछताछ में भी लड़की कोई सटीक जवाब नहीं दे पा रही थी। लड़की नाबालिग है। इसलिए उसका असली नाम न देकर सुविधा क लिए उसे अर्पिता नाम से समझ सकते हैं।
यह देख एसएसबी की मानव तस्कर रोधी इकाई, स्थानीय पुलिस और मानव सेवा संस्थान के वालंटियर अर्पिता नामक किशोरी से गहन पूछताछ की। पूछ ताछ में जानकारी सामने आई की 17 साल की अर्पिता कानूनन बालिग नहीं है। वह बस्ती की रहने वाली है। साथ के चारों युवक बिना अर्पिता के मां बाप को बताये उसे लेकर नेपाल जा रहे थे। इस पर एसएसबी और पुलिस के जवानों ने चारों युवकों को हिरासत में ले लिया। पकड़े गये चारों युवक महाराजा आजाद, आजाद, मोहल्ला पांडेय बाजार, अनुराग कुमार, मोहल्ला रानी पोखरा, पुरानी बस्ती, तथा सूरज निवासी भड़ही थाना वाल्टरगंज बस्ती के बताये गये हैं।
अर्पिता को लेकर चारों युवक नेपाल क्यों ले जा रहे थे, इसका कोई संतोषप्रद जवाब वे चारों नहीं दे पा रहे थे। नेपाल में उनकी कोई रिश्तेदारी आदि भी नहीं थी। अतः सुरक्षा एजेंसियों को लगा की यह लोग लड़की को बहला कर ले जा रहे थे। इससे यह लगने लगा कि यह मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध का मामला है। मगर चारों युवकों ने अभी तक मानव तस्करी को स्वीकार नहीं किया है। परन्तु वे लड़की को नेपाल ले जाने का कोई ठोस कारण भी नहं बता पा रहे हैं। इसलिए मानव तस्करी की आशंका को बल मिलना स्वाभाविक ही है। समाचार लिखे जाने तक लड़की को एंटी ह्यूमैन ट्रैफिकिंग युनिट उ.प्र. पुलिस को सौंप दिया गया है।
क्या होती है मानव तस्करी?
दरअसल नेपाल सीमा पर तानव तस्करी का धंधा बहुत लाभदायक है। इसमं बह फुसला कर लाई जाने वाली लड़कियों को भारी कीमत पर बेच दिया जाता है। बाद में खरीदार उसे विदेशों में बेच देता है। जहां पर लड़की से घरेलू नौकरानी से लेकर देह व्यापार तक के घिनावने कामों में में लगा दिया जाता है। ऐसी लड़कियों की मिडिल ईस्ट व थाईलैंड जैसे देशों में मांग अधिक है और इसमें मानव तस्करों को भारी रकम मिलती है।