भरत-नेपाल सीमा पर आये दिन पकड़े जा रहे विदेशी घुसपैठिये, ककरहवा बार्डर सुर्खियों में
ककरहवा बार्ड पर पिछले कुछ दिनों में पकड़े जा चुके हैं चीन, ईरान व बांग्लादेश के
20 घुसपैठिये, खुनुआ बार्डर पर से घुसी थी पाकिस्तान की बहुचर्चित सीमा हैदर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सरहद पर विदेशी नागरिकों की दखल लगातार बढ़ रही है। खास करके जिले के ककरहवा बार्डर पर घुसपैठ की कोशिश अधिक है। नवंबर में इरानी नागरिक अली चकमेह बिना वीजा घुसपैठ करने की कोशिश में पकड़ा गया था। इससे पूर्व एक चीनी भी पकड़ा गया था।। अब उसी बाॅर्डर से नेपाल से भारत में प्रवेश करते हुए चीनी नागरिक को सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ा है। उस पर विदेशी अधिनियम में कार्रवाई की गई है। कई जांच एजेंसियों ने पूछताछ की है। हाल में चीनी नागरिक के पकड़े जाने से इस आशंका को बल मिलता है कि नेपाल से सटी सीमा विदेशी घुसपैडियों के लिए कुछ ज्यादा ही मुफीद हो रही है। बताते चलें कि पिछले वर्ष पाकिस्तान की बहुचर्चित सीमा हैदर भी जिले के ही खुनुवा बार्डर से ही भारत में घुसी थी। बढ़ती घुसपैठ की इन वारदातों के मद्देनजर सीमा पर सुरक्षा एजेंसियां काफी सक्रिय हो गईं हैं।
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पकड़ा गया ईरानी नागरिक चकमेह
ककरहवा सीमा पर विदेशी नागरिकों के पकड़े जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं, लेकिन स्थानीय लोग घुसपैठ के पीछे यहां से निजी बस के सफर और सीमा पार करने के बाद पहाड़ी जानकर पूछताछ का न होना भी एक वजह बता रहे हैं। उनका कहना है कि नेपाल से पहाड़ी लोग अक्सर आते हैं। मंगोल रेस का होने के कारण नेपाल के पहाड़ियों के चेहा मोहरे चीनी नागरिकों से हू बहू मिलते हैं। क्योंकि चीनी नस्ल के लोग भी मूलतः मंगोल रेस के ही हैं। ऐसे में चीन और नेपाल के पहाड़ी नागरिक कके बीच अंतर कर पाना आमतौर से मुश्किल होता है।
घुस पैठ करने वाले तत्व जैसे ही बार्डर पार करते हैं तो उन्हें दिल्ली सहित अन्य स्थानों के लिए बस भी मिल जाती है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की चौकसी से विदेशी नागरिक पकड़े भी जा रहे हैं, लेकिन जानकार खुली सीमा के कारण निरंतर होने वाली घुसपैठ को चिंताजनक बता रहे हैं।नेपाल से जिले की 68 किलोमीटर सीमा लगती है। खुली सीमा पर संदिग्धों की नजर पड़ने के बाद बार्डर की निगरानी के लिए एसएसबी जवानों को तैनात किया गया है। इसके अलावा अन्य एजेंसियां लग गई हैं।
वहीं सीमावर्ती थानों की पुलिस भी बार्डर पर निगाह रखती है। बॉर्डर से मादक पदार्थ और अन्य सामान की तस्करी जगजाहिर है। सुरक्षा एजेंसियों की कार्रवाई यह तस्दीक करती है कि बार्डर पर तस्करी होती है, लेकिन बात तस्करी तक नहीं रुकती है।
देश विरोधी तत्व कई बार सुरक्षा एजेंसियों के हाथ लगे और उनकी पूछताछ में इसी सीमा क्षेत्र में नेपाल में बैठकर गतिविधि संचालित करने की बात स्वीकार कर चुके हैं। इससे सीमा की संवेदनशीलता और बढ़ गई है। नेपाल से होकर कोई भी सीमा में प्रवेश कर सकता है। इसलिए जवान भ्रमण करते रहते हैं, लेकिन कुछ समय से सीमा पर विदेशी नागरिकों की दखल बढ़ गई है। बिना वैध दस्तावेज के घुसने की कोशिश करते पकड़े जा रहे हैं।
चीन का नागरिक पकड़े जाने के बाद एक फिर भारत-नेपाल सीमा का ककरहवा बॉर्डर चर्चा में आ गया है। उसके दबोचे जाने के बाद कई एजेंसियां सीमा पर डेरा डाले हैं। जनवरी से अब तक लगभग 20 बांग्लादेशी, चीन और ईरानी नागरिक पकड़ जा चुके हैं।