पीडीए के माध्यम से कुशल तिवारी पिछड़ों में बढ़ा रहे अपना जनाधार

February 18, 2025 1:02 PM0 commentsViews: 344
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सामाजिक समानता के बिना राष्ट्र का समग्र विकास बेहद कठिन- पूर्व सांसद कुशल तिवारी

पूर्व सांसद जी जंग भले हारे हैं, मगर युद्ध से कभी हारे, वे जीतेंगे जरूर जीतेंगे- विजय यादव

नजीर मलिक

बासी में पीडीए सम्मेलन में महिला को कम्बल वितरित करतेपूर्व सांसद कुशल तिवारी

सिद्धार्थनगर। आम तौर से चुनाव के बाद सियासतदान जनता के बीच जाना कुछ दिनों के लिए कम करते दिखते हैं। दुबारा इलेक्शन का समय करीब आने के बाद ही वह अपने चुनाव क्षेत्र में गतिविधियां तेज करते हैं। लेकिन डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र से सपा प्रत्याशी रहे भीष्म शंकर ऊर्फ कुशल तिवारी उन अपवाद सियतदानों में हैं जिन्हेंने गत लोकसभा चुनाव के बाद से एक दिन का भी विश्राम नहीं लिया, बल्कि एक मजबूत योद्धा की तरह चुनावी जंग हारने के बाद विजय के लिए हार के दिन से ही अगली जंग की विजय के लिए नई रणनीति के साथ सियासी मैदान में जुट गये।

4 जून को 2024 के लोकसभा चुनाव की मतगणना में कम वोटों से हारने के बाद जहां समर्थक उदास थे, वहीं सपा प्रत्याशी कुशल तिवारी की गंभीर खामोशी, मानों पांच साल बाद नये इतिहास रचने की रणनीति बना रहा थी। उस समय उनके आम समर्थकों का मानना था कि गोरखपुर जनपद से चुनाव लड़ने आये कुशल तिवारी मानों अब वापस चले जायेंगे, जैसा कि बाहर से आये राजनीतिज्ञ करते रहते हैं। इस जिले में बाहर  से लड़ने आये केडी मालवीय, सीमा मुस्तफा मोहसिना किदवई आदि इसके उदाहरण है। लेकिन सपा नेता कुशल तिवारी कुछ अलग ही किस्म के नेता थे। शायद उन्होने ठान लिया था कि अब उनकी नया कार्यक्षेत्र (सिद्धार्थनगर) ही उनका स्थायी युद्धक्षे़त्र भी होगा। अभी यहीं उनकों अपनी जीत की इबारत लिखना होगा। यहीं अपना सियासी इतिहास रचना होगा। और हो दिख भी यही रहा है।

4 जून 2024 का यानी उनकी पराजय का दिन को पूर्व सांसद कुशल तिवारी मानों ‘प्रेरणा दिवस दिवस’ मान चुके हैं। उस दिन से अब तक वे निरंतर डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के होकर रह गये हैं।  प्रतिदिन अनेक परिवारों के खुशी और दुख में शामिल होने के लिए उनके घर पहुंचने, कमजोर लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए जद्दोजहद करने तथा जनता के बीच रह कर समाजवादी पार्टी को मजबूत बना कर अपना जनाधार बढ़ाने के कार्यक्रम में लगे हुए हैं। उनकी निरंतर सक्रिया के कारण पार्टी के संगठन में भी उत्साह का संचार हुआ है।

पूर्व सांसद कुशल तिवारी इस समय जिले भर में घूम घूम कर पीडीए की अलग जागाने की मुहिम में जुटे दिखते हैं। गत दिवस उन्होंने बासी में पीडीए को मजबूत बनाने के लिए जनसभा की। इसी प्रकार वे डुमरियागंज लोकसभा क्षेत्र के सारे विधानसभा क्षेत्रो में अलग अलग सभाओं बैठकों के माध्यम से पीडीए का अलख जगाने में जुटे हैं। इस प्रकार वे अपने विरोधियों को वह जवाब भी दे रहे हैं, जो उन पर पीडीए के पति उदासीन रहने का आरोप चस्पा करते थे। पूर्व सांसद कुशल तिवारी स्वयं पीडीए को सामाजिक समानता के लिए एक जरूरी आंदोलन मानते हैं। वे कहते हैं कि सामाजिक विकास के बिना राष्ट्रीय विकास की  कल्पना भी नहीं की जा सकती है।

उनकी राजनीतिक सक्रियता और संघर्ष को देखते हुए समाजवादी विजय यादव कहते हैं कि पूर्व सांसद कुशल से चुनावी युद्ध भले हार गये हों, मगर वे युद्ध से नहीं हारे हैं। पराजय के दिन से अब तक न वे रुके हैं, न थके हैं। वे चले रहे हैं और समाजिक क्रान्ति का बिगुल भी बजा रहे हैं। इसलिए वे एक दिन जंग जीतंगे और जरूर जीतेंगे।

 

 

 

 

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