पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र की रैली में योगी के फोटो से क्यों डर गये नेपाल के राजनीतिक दल?
नजीर मलिक,
काठमांडू की सड़कों पर नेपाल के पूर्व नरेश और योगी आदित्यनाथ के पोस्टर
सिद्धार्थनगर।काठमांडू में नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के स्वागत रैली में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पोस्टर को लेकर सरकार और राजावादी समर्थकों में रार छिड़ गई है।नेपाल के ओली सरकार के सलाहकार विष्णु रिमाल ने इसे आपत्तिजनक बताते हुए राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी को आड़े हाथों लिया है। यही नहीं रिमाल ने उन पर दूसरे देश के हाथों में खेलने का आरोप लगा दिया है। कई टीकाकार तो रैली के तेवर देख वहां पुनः हिंदूशाही की वापसी की कल्पना भी करने लगे हैं।
दूसरे शब्दों में यदि उनके ओली सरकार के सलाहकार के बयान की गहराई में जाया जाये तो भारत की हिंदूवादी ताकतें नेपाल में भी धर्मनिरपेक्ष राजनीति के खातमे पर तुली है। वह नेपाल के राजा समर्थक दल के साथ तालमेल कर नेपाल में पुनः हिंदू राजशाही की वापसी की हर मुमकिन कोशिश कर रही हैं। पूर्व नेपाली नरेश ज्ञानेन्द्र शाह के दौरे को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है। वहां के राजनीतिक टीकाकारों का मनना है कि फिलहाल पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह कुछ इसी तरह की बिसात बिछाने में लगे हैं।
काडमांडू रैली में पूर्व राजा के साथ योगी आदित्य नाथ की फोटो के लहराये जाने से नेपाल की वामपंथी व कांग्रेस जैसी धर्म निरपेक्ष पार्टियां चौंक गईं हैं। उन्हें आशंका है कि हिदुत्व की यह तपिश अब सीमा पार कर नेपाल में पहुंचने लगी है। इससे नेपाल के सभी राजनीतिक दलों केकी गर्मी अचानक चिंताजनक रूप में बढ़ने लगी है। शायद इसी आशंका के कारण सत्ताधारी दल की प्रतिक्रया में दलाल जैसे कठोर शब्दों का रूपक के तौर पर भी प्रयोग किया है, जिसको भारत से जोड़कर देखा जा रहा है।
दूसरी तरफ योगी आदित्यनाथ के पोस्टर पर सरकार की आपत्ति के बाद राजावादी समर्थक राष्ट्रीय प्रजातन्त्र पार्टी के प्रवक्ता व संसदीय दल के प्रमुख सचेतक ज्ञानेंद्र शाही ने पूर्व राजा के स्वागत रैली में योगी का पोस्टर को सरकारी साजिश का हिस्सा बताते हुए राप्रपा को बदनाम करने की कोशिश करार दिया है।
बता दें कि रविवार को पोखरा से काठमांडू आए पूर्व नरेश के स्वागत में हजारों की संख्या में उमड़े जनसैलाब में में पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के साथ योगी आदित्यनाथ के भी बड़े बड़े पोस्टर थे। योगी के पोस्टर को ओली सरकार ने आपत्तिजनक बताया है। योगी आदित्यनाथ भारत में हिंदुत्व का बड़ा चेहरा हैं, जो शबहुत तेजी से नेपाल के हिंदूवादी संगठनों के रोल माडल भी बनते जा रहे हैं।