आफत में पाकिस्तानी बालाः क्या कंवल जिया को भारत छोड़ कर पाकिस्तान जाना पड़ेगा?
17 साल पहले पाकिस्तान से बिस्कोहर में एक शादी में शिरकत करने
आई कंवल जिया को मुहब्बत में मिलने वाले दर्द की पूरी दास्तान
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। पहलगाम में आंतककया द्धारा 26 नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद सरकार द्धारा पाकिस्तानी नागरिकों को लौटजरने के आदेश के बाद जिले में रह रही कंवल जिया हैरान व परेशान है। एक शादी में भाग लेने 17 साल पहले पाकिस्तान से आई 35 साल की कंवल जिया ने यही शादी कर ली और यहीं की हो कर रह गई। मगर सरकार के इस फरमान ने उसके परिवार को हिला दिया है। उसका पति शमशाद परेशान है कि अब उसके चार बच्चों का क्या होगा।
2008 में शमशद से हो गई थी मुहब्बत
उल्लेखनीय है कि जिले के त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के बिस्कोहर कस्बे में शादी करके बच्चों के साथ रह रही कवंल जिया के परिवार की धड़कनें बढ़ गई हैं। फिलहाल अभी उसके समक्ष देश छोड़ने की नौबत नहीं है। त्रिलोकपुर थाना क्षेत्र के बिस्कोहर कस्बा निवासी शमशाद अहमद की शादी वर्ष 2008 में पाकिस्तान में रहने वाले उनके रिश्तेदार की बेटी कंवल जिया से हुई थी। पिता के साथ 18 वर्षीय बेहद खूबसूरत कंवल जिया भी पिता के साथ शादी में शिरकत करने आई थी। इत्तफाक से उसमें और उसके रिश्तेदार शमशाद में प्यार हो गया। फिर बाकायदा यहीं उसका निकाह हुआ।शमशाद अहमद बिजली मेकेनिक हैं। वर्तमान में उसके चार बच्चे हैं। इसमें दो बेटे अल्फ़ाज (17) व अशद (11) और दो बेटी हिफजा (14) व हूरेन (5) हैं।
लांग टर्म बीजे का लाभ पा सकती है कंवल
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के देश छोड़ने का फरमान जारी कर दिया। इस आदेश के बाद खुफिया एजेंसियां और लोकल पुलिस वीजा पर रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों से संपर्क करने और उनकी रिपोर्ट तैयार करने में जुट गई। इससे समय रहते देश से बाहर किया जा सके। वैसे इस बारे में पुलिस का कहना है कि कंवल जिया लांग टर्म् बीजा पर है इसलिए उसे देश छोड़ने की कोई विवशता नहीं है, मगर अभी इस मामले में कोई अधिकारिक जानकारी सामने न आने पर उनकी देश छोड़ने की आशंका अभी समाप्त नहीं हुई है।
१७ साल पहले कि कंवल जिया
कंवल जिया से इस समय बात तो नहीं हो पा रही लेकिन उपहली बार 17 वर्ष पूर्व तब देखा था जब उसका इंटरव्यू कर रहा था। सुंदर सी हिरनी जैसी आंखें और गोरा चेहरा। बिलकुल बलूचियों जैसा लुक, लगता था कोई लड़की नहीं बल्कि आकाश से बिजली की दमक दिख रही है। मगर उस समय उसकी आंखें भीगी हुई थीं। वह पाकिस्तान से पिता के साथ् बिस्कोहर कस्बे में आई थी। यही उसे शमशाद नामक युवक से माहब्बत हो गई और फिर दोनों का निकाह हो गया। मगर बाद में ऐसा लगा कि बीजा खतम होने के बाद उसे पाकिस्तान लौटना पड़ेगा। लेकिन १८ वर्षीय उस लड़की की लड़ने की हिम्मत देख उसके मदद को सैकड़ेों लोग खड़े हो गये। मीडिया में उसक पक्ष में सैकड़ों खबरें लिखी गईं। फिर वह यही रच बस गई। तीन साल पहले भी उसके सामने वीजा का संकट खड़ा हुआ था और अब यह नया फरमान। उम्मीद है कि वह इस बार भी हालात का मुकाबला कर ही लेगीी।