सावधानǃ जाग गयी हैं बेटियां, कमजोर समझने की भूल पड़ सकती है भारी
संजीव श्रीवास्तव
नेपाल के तराई में स्थित सिद्धार्थनगर की बेटियां समाज में बढ़ रहे अपराधों का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। वह यहां पर मार्शल आर्ट के जरिए दुश्मन के छक्के छुड़ाने की बारीकियां सीख रही हैं। इस कार्य में बुद्ध की धरती की बेटियों को टेªनर विद्यासागर साहनी के अनुभवों का पूरा लाभ मिल रहा है।
प्रशिक्षक साहनी पिछले 9 वर्षो से सिद्धार्थनगर में मार्शल आर्ट के जरिए यहां के नौनिहालों को आत्मसुरक्षा के गुर सिखा रहे है। इस दौरान सिद्धार्थनगर लगभग दस हजार से अधिक बच्चें मार्शल आर्ट में परागत हो चुके हैं। इसमें लगभग 6 हजार बेटियां हैं।
इस बारे में प्रशिक्षक विद्यासागर साहनी का कहना है कि समाज में जिस तेजी के साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, उससे हर घर की बेटियों को मार्शल आर्ट की जानकारी होनी आवश्यक हो गयी है। उन्होंने कहा कि इस कला के जरिए किशोरियां आपात काल में बिना किसी के सहयोग के अपनी सुरक्षा में महारथ हासिल कर लेती हैं।
साहनी ने कहा कि यह कला बेहद सस्ती है। इसमें किसी प्रकार के असलहे का प्रयोग नहीं होता है, बल्कि बालिकाएं अपने हाथों और पैरों से दुश्मनों को धूल चटा सकती है। साहनी के प्रशिक्षण से मार्शल आर्ट के फन में माहिर हो चुकी अनुष्का, आरुसी, आकृति आदि का कहना है कि उनसे अब टकराना आसान नहीं है। वह अपनी इस कला का प्रयोग समाज में किसी भी बेटी को बचाने में कर सकती हैं।