भिलौरी हत्याकांड में 6 गिरफ्तार, अलाव तो बहाना था, प्रधानी चुनाव में पराजय की खुन्नस थी असली वजह
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। इटवा थाने के भिलौरी गांव में इतवार रात हुई दलित महिला की हत्या का कारण भले ही अलाव को लेकर बवाल रहा हो, मगर असली वजह प्रधानी के चुनाव में हुई हार की थी। पुलिस ने इस सिलसिले में मुख्य अभियुक्त अखिलेश समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें गोली मारने वाला युवक अखिलेश सिंह और उसके पिता पूर्व प्रधान विजय बहादुर सिंह उर्फ मुन्ना ठाकुर भी शामिल हैं।
घटना कुछ इस प्रकार है कि चोरों से सुरक्षा के लिए गांव में हर रात लगने वाले पहरे में बीती रात की पहरा टीम में प्रधान विरोधी गुट के भी कुछ लोग शामिल थे। बताया जाता है कि विरोधी टीम ने पहरा करने के लिए प्रधान से अलाव के लिए लकड़ी की मांग की।
इस मुद्दे पर विवाद हुआ। दोनों पक्षों में मारपीट होने लगी। इस दौरान ठाकुर मुन्ना सिंह भी वहां पहुंचे। संघर्ष तेज हो गया। दोनो तरफ से पथराव होने लगा। आरोप है कि इस दौरान मुन्ना सिंह के बेटे अखिलेश प्रताप सिंह ने प्रधान बबलू की मां दुलारमती पर फायर झोंक दिया। अपनी 12 बोर की बंदूक से उसने चार फायर किया। दुलारमती की कुछ देर बाद मौत हो गई।
प्रथम दृष्टया मामला अलाव को लेकर हुआ लगता है, लेकिन असली खुन्नस तो प्रधानी के चुनाव को लेकर थी। दरअसल ठाकुर मुन्ना सिंह पिछली बार गांव के प्रधान थे। इस बार ग्राम पंचायत अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व थी, सो बबलू वहां का उम्मीदवार बन गया। ठाकुर मुन्ना सिंह ने अपने एक खास दलित को चुनाव लड़ाया लेकिन जीत बबलू की हुई।
बताया जाता है कि बबल की जीत को मुन्ना सिंह पचा नही पा रहे थे। उन्होंने कई बार प्रधान को सबक सिखाने जैसे जुमले भी उछाले थे। अचानक कल रात पहरे में अलाव की मांग को लेकर विवाद हो ही गया। जिसका अंत प्रधान की मां की मौत के साथ हुआ।
इस बारे में एसओ इटवा संजय पांडेय ने बताया कि पुलिस ने रात में ही मौके पर पहुंच कर आठ लोगों को हिरसत में ले लिया है, जबकि पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी ने बताया है कि 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।