डीएम साहब! लोहिया ग्राम विकास के रुपए से अय्याशी हो रही है…
संजीव श्रीवास्तव
“सरकारी स्कूलों में जड़ कर चुके भ्रष्टाचार पर आला अधिकारियों के दौरे भी लगाम नहीं कस पाए हैं। भ्रष्टाचारियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि इस बार अखिलेश सरकार की महत्वाकांक्षी लोहिया ग्राम विकास योजना की मद में आए रुपए से अय्याशी हो गई।”
मामला भनवापुर ब्लॉक में चयनित करहिया गांव का है जहां स्कूलों में रंगाई-पुताई तक नहीं हुई है। एक अप्रैल से शिक्षा सत्र शुरू होने के बावजूद चूनाकारी नहीं हुई और स्कूलों का हाल किसी जंग खाए कनस्तर जैसा हो गया है। स्कूल की प्रिंसिपल किरन के मुताबिक इस मद में साढ़े छह हज़ार रुपए आए हैं और जल्द ही पुताई का काम शुरू हो जाएगा।
सरकारी स्कूलों में रंगाई-पुताई के लिए हर साल पांच से सात हजार रुपए शिक्षा निधि के खाते में भेजा जाता है। मगर आए दिन इस तरह के खुलासे होते हैं कि स्कूलों के इंचार्ज इस निधि को अपनी अय्याशी में उड़ा देते हैं। दूसरी तरफ स्कूली बच्चे सीलन भरे कमरों में बैठने से कतराते हैं।
कुछ इलाकों में यह ट्रेंड है कि एक बार रंगाई-पुताई करवा दी जाए, फिर अगले चार-पांच साल तक उस रुपए को अपनी मौजमस्ती में इस्तेमाल कर लिया जाए। स्कूल की इस बदहाली की वजह जानने के लिए जब बीईओ भनवापुर को फोन किया गया तो कई बार घंटी बजने के बावजूद उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।