तंजील अहमद की हत्या की गहराई से जांच हो- कमाल
हमीद खान
इटवा, सिद्धार्थनगर। एनआईए के अधिकारी तंजील अहमद की मौत केन्द्र और राज्य सरकार की सोची समझी साजिश का नतीजा है। काफी तेज तर्रार अफसर थे। वह कई अहम खुलासा करने वाले थे। जिस से कई लोगों को खतरा था। तंजील अहमद की मौत को सरकार और पुलिस र्पाप्रटी डीलर का मामला बता रही है जो समझ से परे है।
उक्त बातें पूर्व सांसद डुमरियागंज हाजी मोहम्मद मोकीम के मीडिया प्रभारी कमाल अहमद ने मीडिया से कहीं। केन्द्र और राज्य सरकार पर इलजाम लगाते हुए उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के कुछ सांसद तो तंजील के हुब्बुल वतनी पर ही शक कर रहे हैं। जो कि बिलकुल गलत और सरासर न इंसाफी है।
अगर तंजील अहमद के रेकार्ड को देखा जाए तो वह एक काबिल और तेज तर्रार पुलिस अधिकारी थे। उनहोंने कई अहम खुलासे किए और कई खुलासा करने वाले थे। जिस वजह से उन के साथ यह सोची समझी साजिश की गई।
उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस सरकार में कानून नाम की कोई चीज नहीं रह गई है। इसी समाजवादी सरकार की हकूमत में लगभग दो साल पहले सीओ जियाउल हक की बेदर्दी के साथ हत्या कर दी गयी थी और उस मामले की जांच ढाक के तीन पात की मिसाल बन कर रह गई।
उन्होंने केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार से अपील किया है कि अफसर तंजील अहमद के मौत की सही तरीके से जांच की जाये, ताकि मरहूम डिपटी एसपी के घर वालों को इंसाफ मिल सके ।