चार दिन से भूख से बिलबिला रहे सेमरावासी, जुबैदा चौधरी ने बांटी राहत, हाकिम एसी में आराम फरमा रहे
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। चार दिन पहले आग से बेघर हुए लोगों को अब भूख और लू मार रही है। कायदे से उन्हें अब तक सरकारी सहायतस मिल जानी चाहिए थी। लेकिन एयर कंडीशन कमरों में बैठे हाकिमों को शायद उनकी तकलीफ समझ में नहीं आ रही है।
सदर तहसील के ग्राम सेमरा में 12 अपील को लगी आग से 33 घर खाक में मिल गये थे और सैकड़ों बीघे फसल तबाह हो गई थी। घर और अनाज विहीन हो चुके लोग पिछले चार दिनों से एक निवाला रोटी के मुंहताज हैं। उपर से सूरज की तपिश अपना काम कर रही है।
सेमरा गांव के रामतीरथ, रामभवन, रोजन, त्रिवेनी, विनोद, हरिवंश आदि पीड़ितों के बच्चे भूख से बिलख रहे हैं। ग्राम प्रधान इब्राहीम का कहना है कि आसपास के गांवों के लोगों के राशन पानी से लोगों के घरों में एक वक्त की रोटी का इंतजाम हो पा रहा है।
गांव के जागरूक नागरिक अब्दुल कलाम ने बताया कि आस पास के गांवों के लोग जो चावल दाल ला रहे हैं, उन्हें पीड़ित परिवारों में बांटाजा रहा है जो बच्चों के लिए भी नाकाफी है, मगर प्रशासन उनको मदद नहीं दे रहा।
महिला आयोग की सदस्य जुबैदा चौधरी आज खुद सेमरा गांव पहुंची। वह पीड़ितों की व्यथा देख द्रवित हुईं और जिलाधिकारी से बात किया, मगर कोई साफ जवाब नहीं मिला।
जुबैदा चौधरी ने उन्होंने मुतरा देवी, रघुनी, कमली, कलामुन आदि की व्यथा भी सुनी। इसके साथ ही प्रत्येक परिवारों को बर्तन और महिलाओं को कपड़ा प्रदान किया।
उन्होंने कपिलवस्तु पोस्ट को बताया कि सेमरा के लोग चार दिन से भूख प्यास से बेहाल हैं और प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने राहत के लिए धन भी जारी कर दिया है, फिर भी पीडित को मदद नहीं मिल रही है।
गांव के सामाजिक कार्यकर्ता अबुल कलाम आजाद कहते हैं कि आग के बाद प्रशासन का कहर भी अक्षम्य है। उनका कहना है कि सीएम अखिलेश यादव लाख अच्छा काम करें लेकिन सरकारी कारकुन जनता को मार कर सरकार को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे।