शोहरतगढ़, बस्ती और हाटा की सीट समझौते में छोड़ सकती है भाजपा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। अजीत सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल और भाजपा के बीच समझौता अपने अंतिम चरण में हैं। समझौता हुआ तो पूर्वांचल की पांच सीटें भाजपा रालोद को देगी। इनमें तीन सीटें शोहरतगढ़, बस्ती और हाटा की सीट राष्ट्रीय लोकदल को देने पर सहमति भी बन गई है। बाकी दो सीटों को लेकर कशमकश जारी है।
खबर है शोहरतगढ़ की सीट को रालोद ने कुर्मी बहुल होने के कारण भाजपा से मांगा है। यहां कुर्मी वोट 50 हजार से अधिक आंके जा रहे हैं। समझौते में अजीत सिंह इस सीट से किसी कुर्मी नेता को चुनाव में उतारने की रणनीति बनाये हुए हैं।
खबर है कि अजित सिंह ने इसके लिए पूर्व विधायक पप्पू चौधरी को अपने पाले में खींचने की कोशिश में हैं। इसके लिए उनके दल के लोग पूर्व विधायक चौधरी से सम्पर्क बनाये हुए हैं, लेकिन पप्पू चौधरी बदले राजनीतिक हालात में किसी दल से चुनाव लड़ने से इंकार कर चुके हैं। ऐसे में उनके रालोद के पाले में जाने की उम्मीद नहीं दिखती।
सूत्रों का कहना है रालोद की पहली प्राथमिकता तो पप्पू चौधरी ही हैं, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाने पर उनकी दूसरी प्राथमिकता बसपा से हाल में निकाले गये अमर सिंह चौधरी हाेंगे।
हालांकि रालोद ने अमर सिंह से अभी सम्पर्क नहीं किया है, मगर रालोद नेताओं का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो वह अमर सिंह को अपने खेमे में ले आयेगी। क्याेंकि अमर सिंह चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और रालोद के बुलावे पर वह हंसी खुशी दल में चले आयेंगे।
खबर है कि अजित सिंह पार्टी जिले में डुमरियागंज सीट भी मांग रही है। वहां भी कुर्मी मतदाताओं की तादाद अधिक है। अगर वह सीट रालोद के खाते में गई तो वहां से सुधीर किसान को चुनाव लड़ाया जा सकता है। वैसे जानकारों का कहना है कि भाजपा डुमरियागंज की सीट नहीं छोडेगी।
बताया जाता है दोनों दलों का समझौता तकरीबन पूरा है। इसका एलान जून में कर दिया जायेगा। इस बारे में रालोद नेता चौधरी सुधीर किसान का कहना है कि दोनों दलो की समझौता वार्ता लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन इसका एलान कब होगा, इसे पार्टी का शीर्ष नेतृत्व ही बता पाएगा।