बिजली विभाग की वसूली पर नोटबंदी का असर नहीं
संजीव श्रीवास्तव
सिद्धार्थनगर। 8 नवम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया तो उससे समाज का हर तबका बुरी तरह प्रभावित हो गया। लगभग एक माह का समय बीतने को है, मगर आम जनमानस का जीवन अभी भी पटरी पर नहीं आ पाया है। लोग अपने पैसों के लिए बैंको में मारा-मारी कर रहे हैं, मगर नोटबंदी का बिजली विभाग की वसूली पर नहीं दिखाई पड़ रहा है।
बिजली विभाग से मिली जानकारी के अनुसार नवम्बर माह में बिजली विभाग ने लक्ष्य के सापेक्ष 25 फीसदी अधिक की वसूली की। इससे साफ जाहिर होता है कि नोटबंदी ने मंदी के दौर से गुजर रहें बिजली विभाग की सेहत को ठीक कर दिया है। अधिषाशी अभियन्ता घनश्याम मिश्रा की माने तो इस दौरान कई ऐसे बकायेदारों ने अपना बकाया चुकता किया। जिनके पीछे विभाग के कर्मचारी काफी दिनों से पड़े हुए थे।
घनश्याम मिश्रा का कहना है कि नोटबंदी में विभाग ने 500 और 1000 रुपये के नोट लेकर अपने राजस्व में 25 फीसदी की वृद्धि की जो कि एक रिकाड है। छोटे बकायेदार के साथ-साथ कई बडे बकायेदारों ने न केवल अपना ताजा बिल चुकता किया साथ ही साथ कई ने एडवांस पैसा भी जमा कर दिया है। बडे बकायेदारों ने सत्ता पक्ष के एक विधायक भी शामिल है जिन्होंने एक मुश्त लगभग 8 लाख रुपया का बिल जमा किया है।