नेपाल में नस्लीय हिंसा शुरू, हत्या आगजनी का दौर

August 23, 2015 1:03 PM0 commentsViews: 884
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नजीर मलिक

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“नेपाल में मधेसी और पहाड़ी नागरिक एक-दूसरे की जान के दुश्मन बन गए हैं। संविधान के मौजूदा ड्राफ्ट पर मतभेद से शुरू हुई हिंसा अभी तक छह नागरिकों की जान ले चुकी है। तराई के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी की दर्जनों घटनाएं दर्ज की गई हैं। तनाव बढ़ने की वजह से भैरहवा जैसे मैदानी इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ गया है। तीन दिनों की हिंसा में अब तक चार सौ करोड़ राजस्व का नुकसान हो चुका है”

नेपाल में मधेश स्वायत्त प्रदेश और जिलों के नये सीमांकन की मांग को लेकर भारतीय मूल के नेपाली नागरिकों ने एक सप्ताह की हिंसक बंदी का एलान किया था। मगर इस बंदी से गुस्साया पहाड़ी मूल का नागरिक जवाबी हिंसा पर उतर आया है। मधेसी नागरिकों के मुताबिक पहाड़ियों को नेपाली प्रशासन की खुली शह मिली हुई है।

प्रशासन के मुताबिक पिछले तीन दिनों की जवाबी हिंसा में कुल 65 लोग घायल हुए हैं जबकि आधा दर्जन के करीब मारे गये है। गुरुवार को भैरहवा शहर में एक मधेसी व्यक्ति को डंडा नदी में फेंक दिया गया। इसी तरह एक और व्यक्ति की हत्या की गई है लेकिन दोनों की शिनाख्त अभी तक नहीं हो सकी है। अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक मारे गए दोनों शख्स मधेसी हैं और उन पर हमला पहाड़ियों ने किया था।

फिलहाल, मैदानी क्षेत्र के भैरहवा समेत कृष्णानगर, नेपालगंज, बहादुगंज, तौलिहवा चनरौटा आदि शहरों में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। वाहनों का आवागमन ठप है। इसके कारण वहां का पर्यटन व्यवसाय ठप होने की कगार पर है। वहीं संयुक्त मधेसी मोर्चा के अध्यक्ष महेन्द्र यादव ने कपिलवस्तु पोस्ट से कहा है कि पहाड़ी मूल की हिंसा के पीछे नेपाली प्रशासन की शह है। वह शक्ति के बल पर मधेसियों की आवाज दबाने पर तुला है।

याद रहे की संविधान निर्माण में अपनी कई मांगे जुड़वाने को लेकर दस दिन पूर्व मधेसी मोर्चे ने आंदोलन की शुरुआत की थी जो बाद में हिंसक हो गया। कपिलवस्तु पाेस्ट ने बीते सप्ताह अपनी खबर में प्रतिक्रिया स्वरूप नस्ली हिंसा की आशंका व्यक्त की थी जो अब सही साबित हो रही है।

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