जिले के स्थापना दिवस पर संगोष्ठी के साथ कवि सम्मेलन एवं मुशायरा
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। जनपद के स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले कपिलवस्तु महोत्सव के रद्द होने पर साहित्यिक, सामाजिक संस्थान ने त्रिदिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया। आयोजन के अंतिम दिन विचार गोष्ठी और कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है।
अंतिम दिन यानी 31 दिसम्बर को शहर में महात्मा बुद्ध के जीवन पर विचार गोष्ठी और कवि सम्मलेन एवं मुशायरे द्वारा इस परम्परा को बचाए रखा। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता प्रो. सुरेन्द्र मिश्र के साथ ही डा. राम नरेश मिश्र, डा. सचिदानन्द मिश्र, एम.पी. गोस्वामी ने महात्मा बुद्ध पर ने अपने विचार भी व्यक्त किये।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रो. सुरेन्द्र मिश्र ने बौद्ध पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के दूसरे दौर यानी कवि सम्मलेन एवं मुशायरे में बतौर कवि व शायर शदाब शब्बीरी ने कहा कि
यारी है अदीबों से कलमकारों से मेरी, नेताओं से पहचान नहीं है तो नहीं है।
तत्पश्चात विनयकांत मिश्र, शाज हनीफ, दिलशाद आमिर, हेमन्त उपाध्याय, अल्का सिंह, हमदम सीवानी, जुनैद बस्तवी, पंकज सिद्धार्थ, मंजर अब्बास रिजवी अपनी रचानाओं से वाह वाही लूटी। मुशायरे का संचालन करते हुए डा. जावेद कमाल ने अन्त में कहा कि
दिलों पे लिख दें फिर से इक नई इबारत हम, जो खो गई जगा दें फिर से वही चाहत हम, आओ मिलकर बना दें फिर से वही भारत हम।
कार्यक्रम के आयोजन में संस्थान के सचिव धीरज गुप्ता व उनके साथी अमित दुबे, दिलशाद आमिर, शुभम, रोहित, अजय, अभय, अनुराग त्रिपाठी का विशेष योगदान रहा। अंत में आगन्तुकों का धन्यवाद करते हुए धीरज गुप्ता ने कहा कि भविष्य में समाज हित से जुड़ी ऐसे कार्य संस्थान करती रहेगी। इस अवसर पर अतिथियों में पूर्व अध्यक्ष बार एसोसिएशन सैयद सरवर अनवर, वरिष्ठ समाजसेवी नईम खान, बी.पी. राहुल, घनश्याम कसौधन, डा. ए.एस. सिद्दीकी, डा. आर.एन. जायसवाल के साथ सैकड़ो श्रोता उपस्थित रहे।