कुर्मी और ब्राहमण वोटों का गठजोड़ बनाने में जुटीं किरन शुक्ला
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। बांसी विधानसभा सीट से राष्ट्रीय लोकदल की उम्मीदवार किरान शुक्ला चुनावी संघर्ष को चौकोना बनाने में लगी हुई हैं। इस सीट पर सपा, बसपा और गैर ब्राह्मण होने के कारण उन्होंने विप्र और कुर्मी समाज को जोड़ कर चुनाव जीतने की रणनीति बनाई है।
बांसी में भाजपा के उम्मीदवार व विधायक जय प्रताप सिंह, सपा के लाल जी यादव और बसपा के लालचंद निषाद के बीच तिकोनी लड़ाई है। इस बीच कांग्रेस छोड़ राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़ने उतरी किरन शुक्ला ने अपनी रणनीति का केन्द्र ब्राहमण को बनाते हुए मुहिम को तेज कर दिया है।
किरन शुक्ला बहुत सलीके से अपनी रणनीति को धार दे रही हैं। बांसी ब्राह्मण बाहुल्य सीट है। जनसम्पर्क के दौरान वह रालोद उम्मीदवार के रूप में किसान मजदूर और आम आदमी के मुद्दे उठाती हैं। परन्तु जैसे ही वह किसी ब्राह्मण बहुल गांव में पहुंचती है, अपनी रणनीति स्पष्ट कर देती है। पहले वह जिले में ब्राहमण राजनीति के खत्में पर चर्चा करती हें, फिर बताती है कि अगर इस इलाके का सत्तर हजार ब्राह्मण वोट में एक जुटता आ जाये तो कुर्मी व अन्य वोटों को मिला कर वह सभी को धूल चटा देंगी।
किरन शुक्ला बहुत मेहनती नेत्री हैं। उनके साथ रालोद नेता सुधीर किसान और उनकी टीम जम कर लगी हुई है। सुधीर किसान कहते हैं कि इस चुनाव में अगर अगर किरन शुक्ला को ५० फीसदी ब्रहमन वोट मिले तो कर्मी समाज के वोटों को साथ मिल कर वह विजय द्धार तक पहुंच सकती हैं।
बकौल किरन शुक्ला उनके मेहनत और रणनीति का क्षेत्र में अच्छा प्रभाव पड़ रहा है। बांसी में अब चौकोनी लड़ाई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो उनका प्रदर्शन नम्बर एक रहेगा। बहरहाल अभी मतदान में दस दिन है। ऐसे में ऊंट किस करवट बैठता है कहा नहीं जा सकता है।