नामांकन के पहले ही दिन ही प्रशासन के सामने उड़ गईं आचार संहिता की धज्जियां, बेबस रहे अफसर
नजीर मलिक
पंचायत चुनावों को साफ सुधरे ढंग से कराने का प्रशासन बारम्बार दावा कर रहा था, लेकिन पंचायत चुनावों के नामांकन के पहले ही दिन आचार संहिता की जम कर धज्जियां उडा दी गईं और जिम्मेदार बेबस देखते रहे। आगे आगे देखिए, होता है क्या?
सोमवार को नामांकन के लिए अनेक उम्मीदवारों का जुलूस लाव लश्कर के साथ कलक्ट्रेट गेट तक पहुंचा। इस दौरान नारेबाजियां होती रहीं। इससे पहले कभी भी और उनके समर्थकों के वाहन कलक्ट्रेट गेट के सामने तक नहीं पहुंचे थे। अतीत में साड़ी तिराहे पर ही जुलूस को रोका जाता रहा था। प्रत्याशी वहां से अपने प्रस्तावक और समर्थक के साथ कलक्ट्रेट परिसर में प्रवेश करते थे।
इस बार नजारा उलटा था। प्रत्याशी के जुलूस में शामिल लोग गेट तक तो पहुंचे ही, रिटर्निंग अफसर के सामने नामांकन दाखिल करते समय तमाम गैर जरूरी लोग उपस्थित थे। सुरक्षाकर्मी इन सबसे निश्चिंत दूर खड़े थे। भीड़ बढाने वालों में सत्ता पक्ष के लोग अधिक थे।
प्रत्यक्षदर्शी और मीडिया कर्मी आश्चर्य में थे, यह क्या हो रहा है। इसका जिम्मेदार कौन है, यह कोई नहीं बता पा रहा था। इस बारे में सहायक निर्वाचन अधिकारी शिव मूरतलाल ने पूछने पर कहा कि वह अभी आफिस में है। जोर देने पर बताया कि कलक्टेट से 200 मीटर पहले जुलूस रुकना चाहिए।
कपिलवस्तु पोस्ट ने सवाल किया कि जुलूस गेट तक क्यों आये? इस पर शिव मूरत लाल का कहना था, कि यह सुरक्षाकर्मी बता सकते हैं। इस बारे में सीओ सदर मोहम्म्द अकमल खान का कहना है कि कलक्टेट के अंदर कोई उल्लंघन नहीं हुआ। जबकि सच यह है कि लोग अंदर धड़ल्ले से गये। सरकारी पार्टी के लोगों ने तो सारी मर्यादाएं ही तोड़ दीं।
इस बारे में क्षेत्र नम्बर चार के प्रत्याशी अब्दुल अलीम इंजीनियर का कहना है वह तो पूरी ईमानदारी से नामांकन दाखिल किये, लेकिन प्रशासन का यह रवैया चिंताजनक है। इससे चुनावों की शुचिता प्रभावित होने की आशंका हो गई है।