आग से जूझता रहा सोमवार, 3 हजार बीघा फसल जली, डुमरियागंज में दहशत से भाग निकले नेता और अफसर
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। सोमवार का दिन भी आग की लपटों के नाम रहा। जिले के करीब एक दर्जन स्थानों पर भयंकर आगे के से दो हजार बीघे से अध्रिक फसल जल कर खाक हो गई। डुमरियागंज कबे में दहशत का आलम यह रहा कि कई अफसर व नेता अपने धरों को छोड़ कर भाग निकले।
आग ने आज दोपहर में डुमरियागंज तहसील मुख्यालय के सीवान में अपना गुस्सा दिखाया। आगे के खोफनाक तेवर से टाउन में भी दहशत छा गई। लोग घरों से भागने लगे। हालत यह रही कि जान बचाने के लिए कई अफसर नेता भी घरों से भाग निकले। बाद में दमकल की गाडियों ने हालात पर काबू किया।
बताते हें कि आग कस्बे के पश्चिम सीवान में लगी, जो बढ़ कर कस्बे के करीब पहुंच गई। सर पर आफत देख कर कस्बे में भगदड़ मच गई। लोग बताते हैं कि आम आदमी ही नहीं कई नेता व अफसर भी मौके से फरार हो गये। तमाम लोग राप्ती नदी के किनारे भाग कर शरण लेते देखे गये।
दोपहर को ही एक बड़ घटना पथरा थाने के ग्राम महोखवा में लगी। बताया जाता है कि आग काफी तेजी से फैली। जब तक सरकारी मदद पहुंचती, गांव की 5 सौ बीघा फसल जल कर खाक हो गई। गांव के तीन दर्जन किसान भुखमरी की हालत में आ गये हैं।
सबसे दर्दनाक हालत सदर तहसी की रही। यहां ग्राम सेमरा और बजहा बाजार के सीवान में आग लगी। लोग दमकल के लिए चीख पुकार मचाते रहे। लेकिन मदद नहीं पहुंच पाई। यहां भी तकरीबन 3 सौ बीघा गेहूं कि फसल खाक हो गई।
इसके अलावा गोल्हौरा थाने के ग्राम महुआ पाठक, पल पमरी, एकउंगी, गौल्हौरा, बांसी के करही और उंख्डी में भी आग से तकरीबन 600 बीघा फसल जल कर बर्बाद हो गई। इसके अलावा ग्राम जबजौआ, रसूलपुर और शाह मझारी में भी आग से सैकड़ों बीघा फसल जलने की खबर है।
आगजनी की इन घटनाओं में हर तरफ सरकारी मदद नहीं मिल पाने का आरोप है। सेमरा की घटना के बारे में तैयब खान ने बताया कि वह मदद के लिए लगातार सरकारी फोन मिलाते रहे लेकिन किसी ने कोई माकूल जवाब नहीं दिया। अन्य गांवों से भी लोगों ने ऐसी ही जानकारी दी।