अखिर तीन साल के मासूम की हत्या को छुपाने का मतलब क्या है?
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। जिले के लोटन कोतवाली क्षेत्र के ग्राम परसा के सटे नाले के पास 3 वर्षीय मासूम की लाश मिलने में बाद क्षे़त्र में अजीबो गरीब चर्चाएं हैं। मोहाना थाना क्षेत्र के एक गांव के बच्चे की लाश दूसरे इलाके में कैसे पहुची तथा पुलिस को सूचना दिये बिना जिस तरह लाश को दफन किया गया, उससे क्षेत्र में तरह तरह की कयाबाजिया जारी हैं। लोग परिजनों पर मामले को छुपाने छुपाने का आरो लगा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार मोहाना थाना क्षेत्र के ग्राम परसा में रविवार की रात कुछ लोग शौच क्रिया कर्म गये थे कि देखा नाले के पास झाड़ी में एक अबोध बच्चे का शव पड़ा है। जानकारी होते तमाम लोग पहुंच गये और एक बच्चे की हत्या की खबर अगल बगल तक फैल गयी। बाद में पता चला की बच्चे की लाश मोहाना थाना क्षेत्र के सिकरी बाजार के उत्तर बसा ग्राम निवासी गढ़मोर के कन्हई प्रसाद के तीन वर्षीय पुत्र की है। सूचना मिलते ही परिजन रात में लाश घर ले गये और सोमवार को गांव के बाहर लाश को दफन कर दिया गया।
प्रश्न यह उठता है कि वह मासूम अपने गांव गढ़मौर से 3 किमी दूर ग्राम परसा में कैसे पहुंचा और कैसे मृत्यु हुई? घटना की सूचना अखिर पुलिस को क्यों नहीं दी गई? ।परिजनों ने बिना पुलिस को सूचना दिये लाश को आनन फानन में क्यों दफन कर दिया। आखिर इस संदिग्ध मामले को पुलिस से बचाने का मतलब क्या है? क्षे़त्र के लोग इस तरह के सवाल कर रहे हैं।
गढ़मार गांव के असपास के लोग बाग सवाल उठा रहे हैं कि अखिर बच्चा गायब थी तो उसके पिता कन्हई प्रसाद को उसके तलाशने की चिंता क्यों नहीं थी। यही नहीं कन्हई को जब बच्चे की लाश संदिग्ध परिस्थितयों में मिली तो उसने पुलिस को सूचना देने के बजाये चुपचाप दफन को क्यों कर दिया?