डुमरियागंज सीटः चुनाव लड़े कोई भी, जीतेगा वही, जिसका जातीय समीकरण मजबूत होगा
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। डुमरियागंज संसदीय सीट पर हो रहे चुनाव के अंतिम क्षण में तमाम राष्ट्रीय मुद्दे गौड़ हो चुके हैं। जाति का समीकरण मुद्दों पर भारी पड़ रहा है। ऐसे में राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि अंत में जीत उसी की होगी,जिसके पक्ष में जाति के समीकरण की गोट बैठेगी।
सियासी तरजुमानों की माने तो इस बार संसदीय ट परकिसी दल के पक्ष में कोई हवा नहीं देखी जा रही है। राम मंदिर, हिंदू- मुस्लिम जैसे सर्व व्यापी मुद्दों की इस बार कही कोई चर्चा नहीं है। ले देकर महगाई और बेरोजगारी पर ही थोड़ी बहुत चर्चा हो रही है। इसके अलावा सारी गुणा गणित ले देकर जातियों पर ही हो रही है। सो ऐसा माना जा रहा है किजिसके पक्ष में जातियों का गठबंधनजितना मजबूत हागा उसकी सफलता के आसार उतने ही बढ़ जाएगें। इसलिए पहले पाठकों को जिले की जातीय गणना को समझना होगा।जिले में कुल वोटो की तादाद 19.61 लाख है। सन 2011 में पहली बार धार्मिक आधार पर हुई जानगणना में पता चला की जिले में मुसलमानों की आबादी 26.5 प्रतिशत है। इस हिसाब से मुस्लिम मतों की 5 लाख से कुछ अधिक ही बैठती है। इसके अलावा जनगणना रिपोर्ट के मुताबिक अनुसचित जाति की आबादी 18 प्रतिशत यानी 3.60 लाख है। जिसमें 12 फीसदी अर्थात 2.40 लाख मत जाटवों के हैं। शेष 6 फीसदी यानी 1.20 लाख मतों में पासवान, धोबी आदि आते हैं। इसके बाद के अधिकृत जातीय आंकड़े नहीं है। कुछ संस्थाओं के सर्वे के मुताबिक 9 प्रतिशत, 1.75 लाख यादव, 11 प्रतिशत अर्थात 2.20 लाख ब्राह्मण् मतदाता हैं। इसके अलावा 5 फीसदी यानी 1 लाख कुर्मी मतदाता भी है। इसके अलावा शेष 30 प्रतिशत मतदाताओं में अन्य पिछड़ी जाति, कायस्थ वैश्य आदि हैं।
अब आइये देखते हैं कि समीकरण क्या बैठता है। इस चुनाव में मुस्लिम यादव तथा ब्राह्मण मतदाता यानी 26.5 और 9 तथा 11 ( मुस्लिम, यादव व ब्राह्मण) का समीकरण सपा प्रत्याशी कुशलतिवारी के पक्ष में है। इसके बाद 12 फीसदी जाटव, 5 प्रतिशत कुर्मी, तथा 5 अन्य पिछड़ा वर्ग का झुकाव बसपा व असपा के नदीम मिर्जा अथवा आसपा के अमर सिंह चौधरी के पक्ष में है। शेष 38 फीसदी मतो पर भाजपा और उनके प्रत्याशी जगम्बिका पाल का एकाधिकार है। कुल मिला कर जातीय समीकरण का झुकाव तो सपा के पक्ष में दिखता है। लेकिन इसके अलावा इन जातियों में सेंधमारी भी होती रहती है। तो सेंधमारी में जो भी पार्टी या उसके प्रत्याशी सफल होंगे तो सफलता उसके कदम चूम सकती है। तो आज का दिन वोटों में सेंधमारी का दिन है। तो फिर आप अनुमान लगाइये कि कामयाबी किसके कदम चूम सकती है?