योगी समेत 5 को बनना होगा विधायक, 6 माह में फिर होगी चुनावी कल्लस
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश में आठ सीटों पर जल्द ही चुनावी चकल्लस देखने को फिर मिलेगा। दर असल मुख्यमंत्री समेत पांच मंत्रियों को ६ माह के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी होगी। इसके लिए पांच विधायकों को अपनी सीट खाली करनी पड़ेगी। साथ में सांसद से मंत्री बने दो लोगों और महापौर से मंत्री बने एक को अपना अपना पद छोड़ना होंगा। इससेवहां भी चुनाव होंगे। जाहिर है कि ६ महीने के अंदर सरकार की लोकप्रियता का पैमाना इन उप चुनावों से तय होगा।
उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा ने भी शपथ ली है। वर्तमान में केशव प्रसाद मौर्य भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हैं, जबकि दिनेश शर्मा लखनऊ के महापौर हैं। खास बात यह है कि यह तीनों न तो विधायक हैं और न ही विधान परिषद के सदस्य। इसके अलावा मंत्री बनाये गये माहसिन रजा व एक अन्य भी किसी सदन के सदस्य नहीं है। ऐसे में इनके लिए किन्हीं पांच विधायकों को अपनी सीट से इस्तीफा देना होगा। इसके बाद ये ये पांचों नेता चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचेंगे।
मालूम हो कि किसी भी गैरविधायक मंत्री को शपथ लेने के ६ माह के भीतर सदन की सदस्यता प्राप्त करना अनिवार्य हैं। इसलिए योगी आदित्यनाथ समेत सभी पांच मंत्रियों को अगले छह महीने के भीतर विधानसभा का मेंबर बनना होगा। चूंकि, अगले छह माह तक कोई भी विधान परिषद की सीट खाली नहीं हो रही है, इसलिए इन्हें विधानसभा के रास्ते ही सदन में पहुंचना होगा।
योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने भाजपा के फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ अभी गोरखपुर से भाजपा सांसद हैं। इन्हें अब अगले छह माह के भीतर किसी भी विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचना होगा। इसके लिए प्रदेश के निर्वाचित विधायकों को में से किसी एक को अपने पद से इस्तीफा देना होगा। मालूम हो कि योगी आदित्यनाथ सन् 1998 से लगातार गोरखपुर से सांसद निर्वाचित होते आ रहे हैं।
केशव प्रसाद मौर्य
केशव प्रसाद मौर्य वर्तमान में इलाहाबाद के फूलपुर क्षेत्र से भाजपा सांसद हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। अब जबकि वे उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें भी अगले छह महीने के भीतर किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचना होगा।
दिनेश शर्मा
भाजपा के वरिष्ठ नेता दिनेश शर्मा फिलहाल राजधानी लखनऊ के महापौर हैं। इसके साथ ही वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। अब वे उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री भी हैं। शर्मा को भी योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य की तरह ही न तो विधायक हैं और ना ही विधान परिषद के सदस्य। नवनियुक्त उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को भी अगले छह महीने में प्रदेश के किसी भी विधानसभा सीट से निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचना होगा।
दो सांसद व एक मेयर की सीट खाली होगी
भाजपा के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें गोरखपुर सांसद के पद से इस्तीफा देना होगा। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को भी इलाहाबाद के फूलपुर सीट से इस्तीफा देना होगा। इधर, नए डिप्टी सीएम पद लखनऊ के महापौर दिनेश शर्मा को भी अपने पद से इस्तीफा देना होगा। ऐसे में प्रदेश की दो संसदीय सीट और एक महापौर की सीट रिक्त हो जाएगी। फिर पाच विधानसभा सीटों, दो लोकसभा व एक महापौर पद के लिए चुनाव होगा। जाहिर है ६ महीने में पहली बार सरकार की की लोकप्रियता का पैमाना आठ उपचुनावों से होगा।