Big News़- सीमाई इलाकों में अब धान की दो फसलें ले सकेंगे किसान, 25 फरवरी को की गई पहली रोपाई

April 5, 2022 12:21 PM0 commentsViews: 683
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महाराजगंज जिले में धान की नई खेती का सफल परीक्षण, एनडीआर -९७ बीज की लहलहा रही फसल, कटाई मई महीने में

एक बीघा खेत में 40 से 50 क्विंटल हो सकेगी पैदावार, लेकिन किसान को समय से करना होगा सिंचााई का बेहतर इंतजाम

नजीर मलिक

सिद्धार्थनगर।  उत्तराखंड में गेहूं की पैदावार अपेक्षाकृत लगभग न के बराबर होती है। आम तोर से वहां के तराई के जिलों मेंकिसान धान की दो फसल लेते हैं। प्रगतिशील किसान तो तीन फसलें ले लेते हैं। लकिन आप चौंकिए नहीं, अब भारत-नेपाल की यूपी की तराई पट्टी में भी धान की दो फसल लेने के दिन आ चुके हैं। इसके शोध के पश्चात 25 फरवर को इसकी नर्सरी तैयार करने के बाद रेपाई भी कर दी गई है।और इस समय फसल खरीफ के धन की फसल के मानिंद लहलहा रही है। 10 मई तक पहली फसल तैयारहो जाने की सम्भावना है। इस नयी विधा से किसानों की आय निश्चित रूप से बढ़ जाएगी। यह करिश्मा कर डाला है रिटायर्ड सीडीओ और महाराजगंज जिले के निचौल इलाके के ग्राम ओबरी निवासी डा.दिनेश सिंह ने। जो अब प्रगतिशील खेती कर रहे हैं।

डा.दिनेश सिंह ने इसी 25  फरवरी को ओबरी गांव में धान की नर्सरी डाली थी,जिसकी रोपाई भी कर दी गई है। इसके लिए उन्होंने उन्नतशील बीज एनडीआर-97 की नर्सरी डाली थी। अब फसल लहलहा रही है। यह फसल 65दिनों में पक कर तैयार हो जाएगी। इसके बाद इसी खेत में धान की दूसी फसल कल की बुआई रोपाई की जा सकेगी। कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि धान की यह फसल तराई क्षेत्रों मसलन महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच जैसे जिलों के लिए पूरी तरफ उपयुक्त है।बस सिंचाई के लिए पानी का खर्च कुछ बढ़ जाएगा।

मार्च महीने में धान के फसल की रोपाई नहीं होती है। इसके लिए जमीन में नमी की जरूरत होती है।इसी कारण बरसात कर सीजन इसके लिए मुफीद रहता है। मगर डा. सिह का कहना है कि इस सीजन में धान उपजाने के लिए कृषि विशेषज्ञों और कुमारगंज कृषि विश्वविद्यालय से तमाम जानकारियां लेकर एनडीआर- 97 किस्म के बीज को रोप कर प्रयोग किया जो सफल भी रहा।25मार्च को रोपाई के बाद 25 या 30 मई तक फसल तैयार होने की संभावना है।अनुमान है कि एक बीधे में 40 से क्विंटल धान पैदा होगा। इस बारे में कृषि विज्ञान केन्द्र सोहना के वैज्ञानिकों ने बताया कि यदि सिंचाई का इंतजाम हो तो इस फसल को लेना बिलकुल आसान होगा।

 

 

 

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