विकास के एजेंडे से दूर हो चुकी केन्द्र व सूबे की सरकार- अफॅताब आलम
— बिजली,पानी, शिक्षा आदि के क्षेत्र में कुछ काम नहीं हुआ, अभी भी जारी है किसानों की खुदकशी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। यूपी और केन्द्र की सरकार ने विकास का जो एजेंडा घोषित किया था आज उससे पूरी तौर से दूर हट चुकी है। उसके सारे एजेंडे भी जुमले साबित हो रहे हैं। जबकि जरूरत है जनता के विकास के लिए नयी संरचना की। केन्द्र सरकार अब येन केन प्रकारेण चनाव के लिए सस्ती लोकपियता के चक्कर में पड़ी हुई है। लेकिन जनता उसकी इस चालाकी को समझ रही है।
यह बातें बसपा नेता और डुमरियागंज संसदीय क्षे़त्र के घोषित लोकसभा उम्मीदवार आफताब आलम ने आज यहां अपने आवास पर एक प्रेसवार्ता के दौरान कही। उन्होंने कहा कि केन्द्र में बैठी मोदी जी की सरकार का जनहित के मुद्दो से कोई वास्ता नहीं है। वह केवल राजनीतिक ध्रुवीकरण के प्रयास में है। इससे जनता का भला बिलकुल नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में इस सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। किसानों का आत्महत्या करना जारी है। अनके क्षेत्रों में सिंचाई के उन्नत साधन नही खडे किये जा सके। सिद्धार्थनगर जिले में ही नहरे सूखी हैं, नलकूप खराब पड़े हैं। बुआई के सीजन के समय उन्नतशील बीजों का अभाव रहता है। यही हालत पूरे देश की बनी हुई है।
बसपा नेता आफताब ने कहा कि सरकार को दिल्ली का तख्त संभाले सवा चार साल हो गये। प्रतिवर्ष एक करोड़ युवाओं को रोजगार देने का मोदी जी का वादा वादा ही रहा। सरकारी नौकरियों में भर्ती बंद हैं। उच्चा शिक्षा को इतनी मंहगी कर दी गई कि अब किसी गरीब किसान के बेटे का डाक्टर इंजीनीयर बनना मुश्किल हो चुका है। नीचे के स्कूलों में अध्यापकों की घोर कमी है।
उन्होंने कहा कि पांच साल में विकास के लिए काम करने के बजाये सरकार ने विवादित मुद्दों को उठा कर जनता को अपने घोषित एजेंडे से दूर रखने की कोशिश की, मगर देर से ही सही जनता ने अब असिलियत समझना शुरू कर दिया है। आफताब आलम ने कहा कि आगामी चुनाव में जनता के पास अन्य विकल्प आजमाने का अवसर है और वह भाजपा सरकार से मुक्त होने की दिशा में शिद्दत से सोंच रही है। प्रेस वार्ता के समय बसपा जिला अध्यक्ष शेखर आजाद और उपाध्यक्ष शमीम अहमद, वरिठ नेता राम मिलन भारती भी उपस्थित रहे।