गेंहू की फसल किसानों का कटाई के लिए तैयार हो रही है, लेकिन गेहूं को आग से बचाने के लिए प्रासन की ओर से अभी तक कोई तैयारी नहीं दिख रही है। प्रशासन को चाहिए कि गांव के सीवानों मे सूख रहे जलाशयों पानी भरने की व्यवस्था करें, ताकि आगलगी के समय दमकल के टैंकरों को आसानी से पानी उपलब्ध हो सके।
यह बात जनपद के समाजसेवी सिद्धांत यादव, कहीं। उन्होंने आज यहां संगठन की बैठक में कहा कि जिले के प्रत्येक ब्लाकों में दमकल गाड़ियों की व्यवस्था किया जाए साथ ही साथ बिजली के जर्जर तारो को भी संबंधित विभाग के अधिकारियों को सख्त आदेश दे कर दुरुस्त करा लिया जाए समय से जिससे किसानों की फसल में आग लगने से बचाया जा सके।
किसान कमेरों की बैठक को सम्बधित करते हुए विजय यादव पहलवान ने कहा कि जिन गांवों के सीवान में बिजली के खंभे अथवा ट्रांसफारमर खड़े हों उस सीवान के पास के तालाब को पानी से भरने की व्यवस्था प्रशासन तत्काल करें, ताकि आगलगी के समय दमकल की गाड़ियों को पानी केलिए भटकना न पड़े। उन्होंने कहा कि गेहुं की 60 प्रतिशत से अधिक फसल बिजली के खंभों व ट्रांसफार्मर के स्पार्किंग से ही होती है और मौके पर पानी के अभाव के चलतेकिसानों का बड़ा नुसान हो जाता है।
एक अन्य नेता राकेश यादव ने कहा कि गांव के किसानों की गेंहू की फसल भी कटाई के लिए तैयार होने के करीब है। जिस को ले कर लोग चिंतित है। क्यों कि प्रत्येक वर्ष आग लगने से किसानों के फसल की बड़े पैमाने पर बर्बादी होती है लोगो के घर भी जल जाते है समय से दमकल की गाड़ियों के नही पहुचाने व पानी के अभाव जानमाल का भारी नुकसान होता है।