समाजवादी सरकार है, किसानों की मौत के बाद ही जागेगी
अजीत सिंह
दुनियां के सबसे खुशबूदार चावल कालानमक का क्षेत्र पानी के संकट से जूझ रहा है। इस इलाके में धान की खेती के लिए बनाई गई 250 किमी नहरें सूखी हैं। इन हालात में किसान खून के आंसू रोने पर विवश हैं। किसानों की समर्थक सपा सरकार शायद किसानों की मौत के बाद ही जागेगी।
सदर तहसील का बर्डपुर क्षेत्र धान के उत्पादन के लिए मशहूर है। इस क्षेत्र में 30 हजार हेक्टेयर में धान की खेती होती है, जिसमें 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में विश्व प्रसिद्ध काला नमक धान बोया जाता है। यह धान आज भी विदेशों में भारत का नाम रोशन किये हुए है।
इस क्षेत्र में धान की खेती के लिए आजादी से पूर्व अंग्रेज जमींदार विलियम पेपे गिब्बन व मिस्टर बर्ड ने तकरीबन तीन सौ किमी नहरें बनवाईं थीं। इसके लिए पानी का इंतजाम नेपाल के पहाड़ो से आने वाले पानी को स्टोर करने की व्यवस्था की थी, मगर सिंचाई खंड की लापरवाही से आज एक भी नहर में पानी नहीं है।
किसान बताते हैं कि वर्तमान में बजहा नहर, जानकिया नगर नहर से लगाायत लाल सरैया, तेलडिहवा माइनर, शिवपति नगर नहर आदि सब पानी विहीन है। कमांड एरिया होने के नाते इस इलाके में सरकारी नलकूप भी नहीं हैं। ऐसे में किसान जाये ंतो कहां जाये?
क्षेत्र के किसान राजेंन्द्र गोस्वामी कहते हैं कि तीन सिंचाई लेने वाला धान तो मर रहा है। काला नमक को चार सिंचाई की जरूरत पड़ती है। उसका बचना अब असंभव है।
जहां तक ड्रेनेज खंड का सवाल है, उसके एक्सइएन न मुख्यालय पर रहते हैं और न ही किसी सेे फोन पर बात करते हैं। उनकी गैर हाजिरी में उनके मातहत भी आजाद हैं। जाहिर है किसानों की तबाही तय है।