exclusive: फरवरी में रेस्टोरेंट, चौराहों और दावतों में कहीं भी मिल सकते हैं असदुद्दीन ओवैसी
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। फरवरी महीने में खसखसी दाढ़ी वाला कोई लंबा तगड़ा शख्स आपको सड़क पर या किसी ढाबे में चाय पीते हुए दिख जाये तो चौंकियेगा नहीं। वह शख्स असदुद्दीन ओवैसी भी हो सकता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में एमिम को मजबूत बनाने के लिए पार्टी चेयरमैन ओवैसी इस तरह की खास रणनीति बनाने में जुटे हैं।
एमिम के सूत्रों के मुताबिक सुप्रीमों ओवैसी फरवरी में पूर्वी उत्तर प्रदेश के दौरे पर निकलेंगे। लेकिन उनके दौरे में सबसे बड़ी रुकावट यूपी सरकार है। मुमकिन है कि वह ओवैसी को पूर्वी उत्तर प्रदेश में सियासी प्रोग्राम की इजाजत न दे। ऐसे में वह गैरसियासी अंदाज में चल कर पार्टी को मजबूत करने का प्लान कर चुके हैं।
एमिम के सूत्रों के मुताबिक ओवैसी गोरखपुर को सेंटर बना कर रणनीति पर अमल करेंगे। मिसाल के तौर पर वह सिद्धार्थनगर के किसी वर्कर के घर गैर सियासी प्रोग्रेाम के तहत गोरखपुर से रवाना होंगे। इस दौरान वह रास्ते में कई ढाबों पर चाय, नाश्ते के लिए रुकेंगे।
पार्टी वर्कर खामोशी से इसका प्रचार पहले ही कर चुके होंगे। इस तरह ओवैसी के ढाबे पर पहुंचने के वक्त वहां तमाम लोग जमा हो जायेंगे और वह चाय नाश्ते के दौरान बातचीत में एमिम का मैसेज देकर आगे बढ़ जायेंगे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक उनकी यह रण्रनीति पूर्वी उत्तर प्रदेश के हर जिले में अपनाई जायेगी। सूत्रों का कहना है कि यूपी सरकार उनकी सियासी सक्रियता पर भले रोक लगा दे, मगर निजी यात्रा पर प्रतिबंध नहीं लगा सकती है। इसलिए यह रणनीति बनाई जा रही है। उन्हें इसमें कितनी कामयाबी मिलेगी, यह देखना दिलचस्प होगा।
इस बारे में पूर्वांचल प्रभारी हाजी अली अहमद का कहना है कि चेयरमैन ओवैसी की यह रणनीति पूरी तरह कारगर रहेगी। सपा सरकार आवैसी साहब को यूपी में सियासी गतिविधि नहीं चलाने दे रही है।
अल अहमद के अलावा भी पार्टी सूत्रों का कहना है कि सपा कानूनी तौर पर उनकी निजी यात्राओं को रोक नहीं पायेगी। इसलिए इस रणनीति पर अमल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनवरी के आखिरी सप्ताह में उनके दौरे का पूरा नक्शा बन कर तैयार हो जायेगा।
6:17 PM
AIMIM ZINDABAD
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