Good News- कर्बला के शहीदों की याद में 72 खुश्बूदार फूलों के पौधे रोप कर भारत की सलामती की मांगी दुआएं
नजीर मलिक
शोहरतगढ़ सिद्धार्थनगर। हक और इंसाफ के लिए 20 अक्टूबर 680 (अरबी महीने की 10 मुहर्रम की तिथि) को हजरत इमाम हुसैन के नेतृत्व में 72 लोगों ने शहादत दी थी। जिसकी याद में हरसाल मुहर्रम का आयोजन होता है। लेकिन कोरोना के कारण इस वर्ष मुहर्रम को सार्वजनिक रूप से मनाने पर प्रतिबंध था। ऐसे में शोहरतगढ़ के कुछ उत्साही युवाओं ने शहीदाने कर्बला को खिराजे अकीदत देने व उन्हें याद करने की अनोखी तरकीब निकाली और शहर के कब्रस्तिान में खूबसूात और खुश्बूदार फूलों के पौधे रोप कर न के वल शहीदों को याद किया बल्कि अपने वतन की सलामती के लिए दुआ मांग कर समाज को एक दिशा भी दी।
मुहर्ररम के दिन उनपगर के सिद्धार्थ वेलफेयर सोसाइटी के कार्यकर्ताओं व नौजवानों ने दसवीं मोहर्रम को इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में कब्रिस्तान पहुंचकर सोशल डिस्टेंस के साथ गुलाब, रातरानी, बेला आदि के 72 पौधों का रोपण किया। बता दें कि कर्बला में इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत हुई थी। इसके लिए युवाओं ने कब्रिस्तान की जमीन की अपने हाथों से खुदाई कर समतल किया। और जमीन को अर्वरक बनाने के लिए खाद का मिश्रण कर पौधे रोपे। कड़ धूप में उनका यह काम तब तक चलता रहा, जब तक पौधरोपण न हो गया। अंत में सभी ने शहीदोने कर्बला के साथ मुल्क के हक में दुआएं मांगी।
इस अवसर पर प्रबंधक वकार मोइज़ खान ने कहा कि आज का दिन इस्लाम धर्म के लिए बेहद अहम है। आज के ही दिन हजरत इमाम हुसैन करबला की जंग में अपने 72 साथियों के साथ शहीद हो गए थे। इसलिए इस महीने को गम के महीने के रूप में मनाया जाता है और उनकी शहादत की याद में ही ताजिया और जुलूस निकाले जाता है, लेकिन कोरोना महामारी के वजह से ताजिया जुलूस ना निकल पाने के कारण हमारे कार्यकर्ताओं ने नये तरीके से अनोखे अंदाज में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए 72 की संख्या में पौधारोपण करके मोहर्रम मनाया।
व्यापार मंडल महामंत्री आज़म अंसारी ने कहा कि मुहर्रम पर कर्बला के शहीदों एवं हजरत इमाम हुसैन की इंसाफ एवं हक के लिए दी गई शहादत को नमन करता हूँ।आज एक अच्छी पहल से मोहर्रम मनाया गया। पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान प्रबंधक वकार मोइज़ खान, छात्र नेता मोहम्मद शहजाद सिद्दीकी, व्यापार महामंत्री आजम अंसारी, अरमान अंसारी, नौशाद, अली हुसैन,इरशाद , इसरार, आदि लोग मौजूद रहे।