सिविल सिद्धार्थ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष पद पर तीसरी बार अखंड प्रताप सिंह जीते, कृपाशंकर त्रिपाठी महामंत्री बने
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। सिविल सिद्धार्थ बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव का परिणाम घोषित हुआ। इसमें सर्वाधिक मत पाकर अखंड प्रताप सिंह तीसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए। महामंत्री पद पर कृपाशंकर त्रिपाठी ने जीत हासिल की। परिणाम की घोषणा होते ही समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। अबीर-गुलाल लगाया और मिठाई खिलाकर एक-दूसरे को बधाई दी।
मुख्य चुनाव आयुक्त रामशंकर सिंह की ओर से घोषित चुनाव परिणाम में अध्यक्ष पद पर अखंड प्रताप सिंह को सर्वाधिक मत प्राप्त हुए। वह तीसरी बार अध्यक्ष पद की कमान संभालेंगे। जबकि अन्य प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार नरेंद्र कुमार भार्गव, संजय कुमार पाठक, हरिहर प्रसाद पाठक, श्रवण कुमार पांडेय और उमेश चंद्र श्रीवास्तव रहे। वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर जयशंकर प्रसाद मिश्र, विजय कुमार सिंह और राजेंद्र नाथ श्रीवास्तव चुनाव मैदान में थे। उपाध्यक्ष पद के लिए अनूप कुमार पांडेय, प्रमोद कुमार मौर्या और वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव आमने-सामने थे।
महामंत्री पद पर सबसे अधिक मत पाकर कृपा शंकर त्रिपाठी विजयी घोषित हुए। प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी सिद्ध नाथ पांडेय, अजय कुमार यादव और अंजनी कुमार दूबे थे। कोषाध्यक्ष पद के लिए पंकज कुमार सिंह और मनीष मणि त्रिपाठी के बीच मतों की गणना हुई। संयुक्त मंत्री प्रशासनिक पद पर राहुल कुमार द्विवेदी और संतोष कुमार के बीच मुकाबला रहा। संयुक्त मंत्री पुस्ताकलय के पद पर बृजेश प्रताप सिंह और कनिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर कैलाश नाथ गिरी निर्विरोध घोषित हुए।
संयुक्त मंत्री सूचना एवं जनसम्पर्क के लिए अरुण कुमार त्रिपाठी, देवेश कुमार श्रीवास्तव मैदान में थे। वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य के लिए जीतेंद्र नारायण सिंह, राकेश कुमार सिंह, त्रिपाठी सहोदर भाई, अनिल कुमार विश्वकर्मा, देवेंद्र मणि त्रिपाठी, विमल कुमार मिश्र और वीरेंद्र नाथ शुक्ल के बीच मतगणना हुआ। कनिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य में पांच पदों के लिए उमाशंकर पांडेय, गोपाल मिश्रा, प्रदीप कुमार सिंह, करन श्रीवास्तव, रामसूरत यादव निर्विरोध चुने गए।
चुनाव हुए पदों पर विजयी और प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों को कितने मत प्राप्त हुए, चुनाव अधिकारी ने असमर्थता जाहिर की और विवरण सोमवार को देने की बात कही। मतगणना कार्य में चुनाव अधिकारी रमेश कुमार पांडेय एवं नागेंद्र नाथ त्रिपाठी की अहम भूमिका रही। चुनाव परिणाम आने के बाद समर्थित अधिवक्ताओं ने जश्न मनाया। अबीर-गुलाल उड़ाया। एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दिया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम थे।