दीवाली की रात आलिया की ज़िंदगी की आखिरी रात बन गई
ससुराल के सभी लोगों के ख़िलाफ़ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज, अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं
अजीत सिंह
सिद्धार्थनगर। जब पूरा ज़िला दीपों की झिलमिलाहट और पटाखों की गूंज में डूबा हुआ था, तब गोल्हौरा थाने के खम्हरिया गांव की एक बेटी पड़ोस के ज़िले में दहेज की सूली पर चढाई जा रही थी।
मामला सिद्धार्थनगर जिले के गोल्हौरा थाना क्षेत्र का है, यहां के खमहरिया गांव की रहने वाली आलिया की 11 महीने पहले शादी बस्ती जनपद के सोनहा थाना क्षेत्र के बडौगी गांव के रहने वाले मजहर अली से हुई थी। दिवाली की रात नवविवाहिता आलिया खातून का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। उसकी शादी के महज 11 महीने ही हुए थे कि दहेज के दानवों नें उसे मौत के मुंह में झोंक दिया। मृतका के भाई वसीम ने बहनोई मजहर अली सहित ससुराल के अन्य सदस्यों पर दहेज प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाते हुए बस्ती ज़िले के सोनहा थाने में तहरीर दी कि उसकी बहन आलिया खातून को मारकर आत्महत्या की साज़िश रची गई है।
ग्रामीणों के अनुसार शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की मांग को लेकर लगातार प्रताड़ना की जा रही थी। मृतका के मायके के परिवार का दावा है कि शादी के बाद मजहर और उसके परिजनों ने आलिया को नकद 5 लाख रुपए और अन्य सामान की मांग करनी शुरू कर दी थी। जब मायके पक्ष ने इन मांगों को पूरा करने में असमर्थता जताई, तो मारपीट और मानसिक उत्पीड़न बढ़ गया। आलिया रोज फोन पर रोती थी, कहती थी कि ससुराल वाले तंग कर रहे हैं। लेकिन हमने कभी सोचा नहीं था कि यह सिलसिला इतना खतरनाक हो जाएगा।
आलिया के भाई वसीम ने आंसू भरी आंखों से बताया। बहन की मौत की सूचना ससुराल वालों द्वारा छुपायी जा रही थी। इसी बीच गांव के किसी व्यक्ति द्वारा फोन से घटना की सूचना दी गई। प्रारंभिक जांच में पुलिस इसे आत्महत्या करार दे कर समझौते कराने में लगी रही, लेकिन मायके पक्ष के हंगामे के बाद मामला हत्या का रूप ले लिया और मजबूरन पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजना पड़ा और सारे ससुरालियों के खिलाफ पुलिस को मुकदमा दर्ज करना पड़ा। पोस्टमार्टम होने के बाद मायके वाले लाश को अपने गांव खमहरिया लेकर आए जहां बुधवार दोपहर को अंतिम संस्कार किया गया।
वही इस बारे में मृतका आलिया के पिता अब्दुल मन्नान ने बताया की शादी के बाद से ही बेटी को दहेज के लिए प्रताड़ना दी जाती थी और मारा पीटा जाता था। लेकिन यह उम्मीद नहीं थी की बेटी की हत्या कर दी जाएगी। घटना के दिन आलिया की मौत के बाद भी उंसके ससुराली मायके वालों का फोन नही उठा रहे थे। बड़ी मुश्किल से रात के आठ बजे उठाया, जबकि उसकी मौत सरे शाम ही हो चुकी थी।





