नहीं चाहिए हज सब्सिडीः एक वकील ने अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा को दिया मुंहतोड़ जवाब
फेसबुक पोल में मुसलमानों ने एक स्वर से सब्सिडी नकारा और मंत्री को दिखाया सच का आइना
यूपी के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रज़ा की तरफ से अमीर मुसलमानों से हज सब्सिडी छोड़ने की अपील के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है। हालाँकि मुसलामान हज सब्सिडी पर पहले भी कई बार अपनी राय रख चुके हैं लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर इसकी चर्चा ज़ोरों पर है। इस बीच गोरखपुर के सेंट एंड्रयूज कॉलेज से लॉ कर चुके सरफ़राज़ नज़ीर ने फेसबुक पर सूबे के एकलौते मुस्लिम मंत्री को आईना दिखाया है।
दरअसल मोहसिन रज़ा की इस अपील के बाद सरफ़राज़ ने फेसबुक पर एक पोल चलाया। मकसद था हज सब्सिडी पर मुसलामानों की राय जानना। खासकर मुस्लिम युवाओं की। अश्चर्यजनक ढंग से इस पर जबरदस्त और सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। अब पोल के नतीजों ने बार-बार हज सब्सिडी पर उठने वाले सवालों का माकूल जवाब दे दिया है।
पोल का सवाल यूँ था कि कितने मुस्लिम हज सब्सिडी नकारते हैं?
बाद इसके सरफ़राज़ नज़ीर की पोस्ट पर कमेंट्स की बाढ़ आ गई। मुस्लिम यूथ्स से लेकर सभी उम्र और पेशे से जुड़े लोगों ने हज सब्सिडी पर अपनी राय रखनी शुरू कर दी। देखते ही देखते करीब तीन घंटे में डेढ़ हज़ार से भी ज्यादा कमेंट्स आ गए। फिलहाल कमेंट्स आने का सिलसिला लगातार जारी है।
हज सब्सिडी पर क्या सोचते हैं मुसलमान?
हर बार की तरह इस बार भी जवाब ‘नहीं’ में आया। सोशल मीडिया पर मुस्लिम यूज़र्स ने हज सब्सिडी को सिरे से नकार दिया है। वहीँ मुसलामानों ने सरकार से इसे तुरंत बंद करके इस पैसे को मुस्लिम लड़कियों की तालीम पर खर्च करने की मांग भी की है।
इस पोल के बाद अब मुस्लिम यूजर्स ने हज सब्सिडी पर लिखना शुरू कर दिया है। सोशल मीडिया के दौर में आवाज़ और मुखर हो चली है। गरीब हो या अमीर, सभी तबके के लोग इसके खिलाफ पोस्ट लिख रहे हैं और कैम्पेन चला रहे हैं।
क्या कह रहे हैं लोग
निशात इमरान– प्रिय मोदी जी हज सब्सिडी भी आप हज़ यात्रा करने वालों के खाते में डायरेक्ट भिजवा दीजिये जैसे गैस सब्सिडी गैस उपभोक्ताओं के खाते में भिजवाते है….सब्सिडी मुसलमानों को मिलती है या एयर इण्डिया को जरा पता तो चले।
मोहम्मद खालिद हुसैन– हज सब्सिडी ही एक मात्र ऐसी सब्सिडी है जिसे मुस्लिम समुदाय लेना नहीं चाहता और सरकार ज़बरदस्ती देती है।
हज सब्सिडी को ख़त्म कर के उसी धन को मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा पर ख़र्च किया जाना चाहिए।
फ़रहान खान– हज सब्सिडी पर सरकार को श्वेत पत्र जारी कर यह बताना चाहिए कि उसकी क्या आर्थिक मजबूरियां या लाभ हैं जिसकी वजह से हज सब्सिडी जिस संप्रदाय से जुड़ी हुई है उसके मुखर विरोध के बावजूद सरकार उसको जारी रखने को कटिबद्ध है।
नाज़िया नईम– हज सब्सिडी बन्द करके पर हमारी परेशानी दूर कर दो। परेशानी यह है कि हज सब्सिडी के नाम पर बिन बात गरियाया जाता है मुसलमानों को, तुष्टिकरण-तुष्टिकरण चिल्लाया जाता है इसलिए मत भेजो गरीब मुसलमानों को हज पर बल्कि ये पैसे उनकी बेटियों को शिक्षित करने में अलग से स्कॉलरशिप में दे दो।
दरअसल हज सब्सिडी एक ऐसा मसला है, जहां मुस्लिम लीडर इसके पक्षधर हैं कि यह सब्सिडी खत्म कर देनी चाहिए लेकिन केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार चाहे कांग्रेस की हो, भाजपा की हो या फिर तीसरे मोर्चे की रही हो, कोई इसे खत्म नहीं करना चाहती। कहा यह जाता है कि इसके पीछे उसके अपने हित छिपे हुए हैं।