शैतानी कृत्य : अनाथ बच्चों के लिए मिला पौने दो करोड़ डकार गया, संस्था का संचालक
नजीर मलिक
अनाथ बच्चों के परवरिश के लिए जिला मुख्यालय के निकट मधुबनिया चौराहे पर चलाई जा रही एक संस्था द्धारा तकरीबन पौने दो करोड़ रुपये के गोलमाल का प्रकरण प्रकाश में आया है। जिला प्रोबेशन कार्यालय के साथ इस सम्बंध में सदर थाने की पुलिस ने छापा मार कर निजी कार्य के लिए लाखों की खरीद की गई लक्जरी सामान बरामद कर संस्था के संचालक के खिलाफ के मुकदमा कायम किया है, मगर संचालक मौकर देख कर फरार होने में सफल रहा। घटना रविवार की है तथा संस्था का संचालक का नाम अर्जुन पासवान है तथा वह निकट के सेदुरी गांव का निवासी बताया गया है।
क्या है पूरी कहानी
जानकारी के अनुसार चिल्हिया थाना क्षेत्र के सिंदूरी गांव निवासी अर्जुन पासवान सदर थाना क्षेत्र के मधुबेनिया में दिव्यांग बाल कल्याण समिति के नाम से एक संस्था चलाता था। उसने अपनी संस्था का पंजीयन महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश व राष्ट्रीय न्यास भारत संस्थान में कराया था। दोनों संस्थानों से बच्चों के बेहतर संरक्षण के लिए वर्ष 2017-18 में 1.77 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया था। इसमें 97.63 लाख रुपये उसने पिछले सात वर्ष में महिला कल्याण संस्थान से प्राप्त किया। जबकि 79.27 लाख रुपये समर्थ योजना से प्राप्त किया था। संस्था में अनियमितता और अन्य शिकायतें लगातार हो रही थीं। जांच में 1.77 करोड़ सरकारी धन हड़पने के मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी की तहरीर पर सदर पुलिस ने केस दर्ज किया था। इसके बाद पुलिस रविवार को कार्राई हेतु मधुबनियां गांव गई थी।
क्या हुई कार्रवाई
खबर के अनुसार जिलाधिकारी के आदेश पर सदस्य/अध्यक्ष बाल कल्याण समिति वीरेंद्र मिश्र और जिला प्रोबेशन कार्यालय के लोग मधुबेनिया पहुंचे। यहां संयुक्त रूप से सरकारी धन से खरीद किए गए तीन आलमारी, एक टेबल, 31 कुर्सी, सीसीटीवी एक, कैमरा छह, बेंच और प्रिंटर एक-एक, तखत सात, कूलर, एलईडी टीवी सहित 24 प्रकार के सामान कब्जे में लिया। कार्रवाई के दौरान चौकी प्रभारी अनूप कुमार मिश्र, आरक्षी शैलेंद्र यादव आदि मौजूद रहे। इस संबंध में सदस्य/अध्यक्ष बाल कल्याण समिति वीरेंद्र मिश्र ने बताया कि मिले दिशा-निर्देश के क्रम में सामान कब्जे में लिया गया है।
सख्त कार्रवाई की मांग
इस कार्रवाई को लेकर जिले में व्यापक चर्चा है।दिव्यांग बच्चों के हकों पर डाका डाल ने वाले इस कृत्य की लाग कड़ी आलोचना कर रहे हैं। कैलाश, परमानंद आदि लोगों का कहना है कि घटना का चरित्र अत्यंत अमानुषिक है। इसलिए प्रशासन और पुलिस को इस मामले में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। मौके पर मौजूद लोगों का कहना था कि इस मामले में कुछ प्रभावशाली तत्वों, मसलन किसी राजनीतिज्ञ के भी शामिल होने की आशंका हो सकती है। इसलिए इसकी कड़ी जांच जरूरी है।