मरते-मरते कातिल की पहचान बता गया अनिल, फोटो दे सकता है कातिल का सुराग?
नजीर मलिक
सिद्धार्थनगर। मध्य प्रदेश के मंदसौर में मारा गया अनिल कुमार मरने से पूर्व अपने कातिल के बारे में सुराग दे गया है। उसने अपनी पत्नी संध्या को ह्वाटसअप पर एक फोटो भेजा था और फोन पर बताया था कि कुछ लोग उसे ट्रेन में मारने का षडयंत्र कर रहे हैं। इसी के बाद उसकी लाश मंदसौर जिले के शामगढ़ रेलवे स्टेशन के पास रेल ट्रैक पर पाई गई थी। सवाल है कि क्या एमपी पुलिस इस फोटो के आधार पर इस कांड की जांच करेगी तथा अनिल की मौत अथवा हत्या का पर्दाफाश कर सकेगी।
लोटन कोतवाली के गाम पंचायत भिटपरा के टोला बरगदवा गांव निवासी तीस वर्षीय अनिल कुमार का कल अंतिम संस्कार हो गया। इस मौके पर अनिल की पत्नी संघ्या ने बताया कि उसके पति अनिल अंत्योदय एक्सप्रेस से घर मुम्बई से घर आ रहे थे। 16 दिसम्बर सोमवार को 4 बजे के आसपास उन्होंने फोन किया और बताया कि उनकी ट्रेन मंदसौर में है। ट्रेन में उनकी जान को खतरा है। वह संदिध व्यक्ति के कुछ फोटो भेज रहे हैं। वह आगे कुछ कह पाते कि उनका फोन कट गया। जैसे किसी ने फोन छीन लिया हो। इसके बाद उसकी दुबारा बात नहीं हो सकी। बाद में रात 11 बजे शामगढ़ पुलिस ने अनिल की पत्नी को फोन कर बताया कि अनिल की लाश रेलवे ट्रैक पर पाई गई है। पुलिस के मुताबिक वहां पड़े मोबाइल से वह संध्या को फोन कर रहे है। फोन नम्बर अनिल का ही था, जो मौके पर मिला था।
बहरहाल अलिन ने पत्नी को जो तीन चार फोटो भेजे थे वह विभिन्न एंगिल से खींचे गये थे। उसमें कहीं ट्रेन में महिला लेटी हुई है, कहीं कुछ लोग बैठे हैं। इनमें एक स्मार्ट से युवक की तस्वीर हर एंगिल के फोटो में देखा जा सकता है। इस आधार पर आशंका व्यक्त की जा रही है कि यह वही वह संदिग्ध युवक है जिससे अनिल ने अपनी जान का खतरा बताया बताया था। यह युवक कौन है, इसका अनिल की मौत से ताल्लुक है अथवा नहीं? इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है। अब एक पेचीदा सवाल यह उठता है कि जब अनिल ने चलती ट्रेन में अपनी जान का खतरा खतरा बताया था तो उसकी लाश शामगढ़ स्टेशन के रेलवे ट्रैक पर कैसे पहुंच गई। इस बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है मगर कुछ आशंकाएं जरूर हैं जिनसे पूरे कांड की तस्वीर खींची जा सकती है।
लगता है कि हत्यारे लूट के इरादे से अनिल के पीछे लगे थे। यूपी विहार आने वाली ट्रेनों में पुरबियों के साथ अक्सर लूट ठगी आदि की घटनाएं होती है तथा विरोध करने वाले को मारा पीटा जाता है। इन हालात में मुमकिन है कि अनिल के साथ भी ऐसा हुआ हो। हत्यारा या हत्यारें ने अनिल को मारा पीटा हो और वह मर गया हो। बाद में उसकी लाश ट्रेन से नीचे फेंक दिया हो। लेकिन यह बात तर्कसंगत नहीं बैठती। भीड़ भाड वाले कम्पार्टमेंट में दिन दहाड़े एसा मुमकिन नहीं लगता। ऐसे में इस बात कि अधिक संभावना है कि मंदासौर या उसके बाद किसी स्टेशन पर बदमाश अथवा बदमाशों ने अनिल कुमार को उतार लिया हो तथा लूट पाट के बाद उसकी लाश को रेल ट्रैक पर रख कर भाग निकले हों कि इससे दुर्घटना की संभावना बन जायेगी। लेकिन हत्यारों को क्या पता था कि वह कम से कम एक संदिग्ध की फोटो अपनी पत्नी को पहले ही भेज चुका है।
दूसरी तरफ अनिल की लाश लेने शामगढ़ गये अनिल के भाई अमित ने बताया कि उसने शामगढ़ पुलिस से भाई की हत्या किये जाने की बात कही, लेकिन वह मामले को दुर्घटना बताने पर अड़ी रही। अनिल ने बताया कि उसके भाई का सर, पैर इत्यादि नही मिला है। यदि वह ट्रेन से गिरे होते तो लाश के सैकडों टुकड़े नही होते। लाश टुकडे टुकड़े तभी हो सकती है कि मरने वाला रेल पटरी पर खुद लेटा हो अथवा उसे मार कर पटरी पर लिटाया गया हो। सोचने की बात है कि चलती ट्रेन में उसका भाई रेल पटरी पर कैसे लेट सकता है। जाहिर है कि पहले उसे मारा गया और फिर दुर्घटना साबित करने के लिए शव को रेल पटरी पर रख दिया गया।
अमित के मुताबिक उसके भाई का कल अंतिम संस्कार हो गया है। अब वह एक बार फिर मंदसौर जायेगा और अपने भाई की हत्या का मुकदमा लिखाने की कोशिश करेंगे। लेकिन मुकदमा लिखे जाने की उम्मीद कम ही है। बता दें कि अनिल कुमार के चाार छोटे बचचे हैं। इस रहस्यमय घटना के बाद उसके ऊपर दुखां का पहाड़ टूट पड़ा है।